दुमका : रंग-बिरंगी रोशनी से दमक रहे उपराजधानी के छठ घाट

लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर दुमका में चारों ओर श्रद्धा-भक्ति तथा विभिन्न तालाबों के छठ घाट पर उत्साह का माहौल है. बासुकिनाथ शिवगंगा छठ घाट सज-धज कर तैयार है. बाबा फौजदारीनाथ के पवित्र शिवगंगा घाट पर छठ पूजा का इतिहास 300 वर्ष से भी अधिक पुराना है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 19, 2023 1:07 PM

दुमका शहर के छठ पूजा समितियों के द्वारा तैयारी अंतिम चरण पर चल रही है. बड़ाबांध, खुटाबांध व रसिकपुर तालाब के अलावा दुधानी, बंदरजोरी तालाब के अलावा पुसारो नदी तट पर छठ घाटों में रंगाई, मुख्य प्रवेश द्वारा एवं लाइटिंग कार्य को अब अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है. पहला अर्घ्य से पहले रविवार की सुबह तक सभी छठ घाट सजधज के तैयार हो जायेंगे. शनिवार की देर रात तक सभी घाटों में पंडाल, लाइटिंग एवं साफ-सफाई का काम चलेगा. कई छठ घाटों में छठव्रती माताओं के लिए लाल कारपेट तक बिछाये जा रहे हैं. छठ को लेकर रविवार दोपहर से छठ घाटों में डोला व सूप लेकर छठव्रती पहुंचेंगे. रविवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा, इसके सोमवार को उगते सूर्य को अर्ध्य देकर छठ पूजा का समापन होगा. खुटा बांध, बड़ाबांध, रसिकपुर एवं दुधानी घाटों में 5 हजार से अधिक परिवार छठ करते हैं.


बासुकिनाथ शिवगंगा घाट सज-धज कर तैयार, उत्साह का माहौल

लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर चहुंओर श्रद्धा-भक्ति तथा विभिन्न तालाबों के छठ घाट पर उत्साह का माहौल है. बासुकिनाथ शिवगंगा छठ घाट सज-धज कर तैयार है. छठ पर्व व रविवार को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए मिथिलांचल से भी भक्त यहां पहुंचे हुए हैं. शिवगंगा में काफी संख्या में श्रद्धालु छठ घाटों पर डाला लेकर पहुंचते हैं. बाबा फौजदारीनाथ के पवित्र शिवगंगा घाट पर छठ पूजा का इतिहास 300 वर्ष से भी अधिक पुराना है. यहां काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है. मंदिर प्रबंधन द्वारा खतरे का निशान दिया गया है. खंभे से आगे जाने की सख्त मनाही है. खंभे को लाल रंग से रंगा गया है. शिवगंगा के चारों ओर रंग-बिरंगी विद्युत सज्जा की जा रही है. यहां की सजावट व भव्य आतिशबाजी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहती है. यहां पर छठ पूजा समिति द्वारा नि:शुल्क दूध, धुमना, अगरबत्ती आदि वितरण किया जायेगा.

इन तालाबों पर भी मनाया जाता है छठ पर्व : जरमुंडी बाजार स्थित गरडी बड़ा तलाब में छठ व्रतियों द्वारा तकरीबन 17 वर्षों से छठ पर्व मनाया जा रहा है. घाट की सफाई व सजावट की जा रही है. तालाब में काफी पानी है. छठ व्रतियों को अर्ध्य देने में यहां दिक्कत नहीं होगी. रावत बांध में श्रद्धालुओं द्वारा पक्के का चबूतरा छठ घाट पर बनाया गया है. जरमुंडी नीचे बाजार स्थित इस तालाब में काफी गहरा पानी है. यहां जरमुंडी सहित आसपास के सैकड़ों परिवार के लोग भगवान सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचते हैं.

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