दुमका : झारखंड के सबसे लंबे पुल का नामकरण अब इस स्वतंत्रता सेनानी के ऊपर करने की मांग
स्वतंत्रता सेनानी बिरजी मिर्धा जिन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में अपने पति हरिहर मिर्धा के साथ कंधे से कंधे मिलाकर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संताल परगना क्षेत्र से उलगुलान किया था. एससी युवाओं ने की राज्यपाल से मांंग इसके लिए उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा.
संताल परगना के अनुसूचित जाति के युवाओं ने मंगलवार को अमन राज के नेतृत्व में दुमका में बने राज्य के सबसे लंबे पुल का नामकरण अमर शहीद बिरजी मिर्धा के नाम पर कराने की मांग राज्यपाल से की है. इसे लेकर ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा. अमन ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 30 अक्तूबर को उद्घाटन के दौरान पुल का नामकरण अपने पिता शिबू सोरेन के नाम पर दिशोम गुरु शिबू सोरेन सेतु रखने के प्रस्ताव पर सार्वजनिक सहमति प्रदान की है, जो परिवारवाद का द्याेतक है. श्री राज ने कहा कि ऐसे कई गुमनाक वीर संताल परगना की धरती में हैं, जिनके नाम से स्मारक भी नहीं बन पाया है. न ही विवि या पुस्तकालय बना है.
ऐसा ही एक नाम स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद बिरजी मिर्धा का है, जिन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में अपने पति हरिहर मिर्धा के साथ कंधे से कंधे मिलाकर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संताल परगना क्षेत्र से उलगुलान किया था. अमर शहीद बिरजी मिर्धा 28 अगस्त 1942 को अंग्रेजी हुकूमत से लड़ते हुए अंग्रेजों की गोली खाकर वीरगति को प्राप्त हुईं थीं. अनुसूचित जाति समाज ने मांग देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से भी की है कि स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद बिरजी मिर्धा के नाम से दुमका में बने झारखंड का सबसे लंबा पुल का नामकरण हो. मौके पर सोनू कुमार मिर्धा, गौतम कुमार शर्मा, रंजीत मिर्धा, संजीत कुमार मिर्धा, विवेक कुमार, पिंकू दास, नयन मिर्धा कुमार ,चंदन कुमार रजक, मनीष कुमार मिर्धा, ललन कुमार मिर्धा, इंद्रदेव कुमार दास, सौरभ कुमार पासवान, गणेश दास, संजय कुमार मिर्धा, अमर कुमार, राहुल कुमार, अक्षय कुमार, नित्यानंद मंडल आदि मौजूद थे.
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