दुमका में फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल को बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए लाखों की लागत से लगा सोलर पॉवर पैनल आज रख रखाव के अभाव में बेकार पड़ा हुआ है. हाल यह है कि लाइन नहीं रहने पर जेनरेटर चलाकर अंधेरा दूर किया जाता है. जबकि बिजली की समस्या को दूर करने के लिए विभागीय निर्देश पर 2015 में जरेडा एजेंसी के द्वारा सोलर पॉवर पैनल को लगाया गया था. कुछ दिनों तक रोशनी की समस्या से अस्पताल को निजात मिली. लेकिन देखरेख के अभाव में पॉवर पैनल बेकार हो गया. अब सिर्फ देखने लिए रह गया है. बताया जाता है कि बैटरी की खराबी के कारण इसका लाभ अस्पताल को नहीं मिल पाता है. ऐसे में अस्पताल अब पूरी तरह से विद्युत विभाग की सप्लाई पर निर्भर है. हालांकि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत जेनरेटर और कुछ वार्ड में इनवर्टर की सुविधा उपलब्ध है. पर ज्यादा देर तक बिजली गुल रहने पर लाइट की परेशानी शुरू हो जाती है. तब जेनरेटर ही अंतिम निष्कर्ष रह जाता है. सोलर पॉवर प्लांट चालू रहने से न बिजली की परेशानी होती और न ही वैकल्पिक व्यवस्था के विषय में प्रबंधन को सोचना पड़ता. प्लांट लगने के बाद बिजली की परेशानी का समाधान हो गया था. बिजली गुल हो जाने पर किसी को समझ में भी नही आता था. वर्तमान में बिजली चली जाने पर जिन वार्ड में इनवर्टर की सुविधा नहीं है उन जगहों पर अंधेरा छा जाता है. जबतक जेनरेटर स्टार्ट न हो तब तक मरीज व उनके परिजनों को काफी परेशानी होती है. कुछ पल के लिए इसका असर वार्ड में मरीजों के इलाज में देखा जाता है. वर्तमान समय में सर्जरी वार्ड, मेडिसिन वार्ड, आईसीयू वार्ड, ओबीएस गायनी व ऑर्थो वार्ड में इनवर्टर की सुविधा नहीं है.
दुमका बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए विभागीय निर्देश पर 2018-19 में मुफस्सिल थाना में सोलर पॉवर प्लांट लगाया. जिसके चालू होने से पुलिसकर्मियों को बिजली संकट से राहत मिली थी. लेकिन देखरेख के अभाव में सोलर सिस्टम बेकार पड़ा हुआ है. हाल यह है कि अब बैटरी की क्षमता भी कम हो गयी है. सोलर पॉवर सिस्टम सिर्फ नाम का रह गया है. थाना में बिजली नही रहने पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत इनवर्टर की सुविधा उपलब्ध है. वह भी केवल कार्यालय परिसर तक सिमित हैं. बिजली गुल हो जाने से पुलिसकर्मियों को काफी परेशानी होती है.
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