24 अप्रैल 2014 को लोकसभा चुनाव के दौरान दुमका के शिकारीपाड़ा से चुनाव संपन्न करा लौट रही पोलिंग पार्टी से भरी बस को नक्सलियों ने लैंड माइन विस्फोट कर उड़ा दिया था. इसमें पांच पुलिस जवानों व तीन मतदानकर्मियों की मौत हो गयी थी. जबकि 11 मतदानकर्मी घायल हो गये थे. इस मामले के पांच आरोपियों के खिलाफ पुलिस कोर्ट में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी.
गुरुवार को प्रथम अपर जिला जज रमेश चन्द्रा ने साक्ष्य के अभाव में आरोपी प्रवीर दा उर्फ सुखलाल मुर्मू, बुद्धिनाथ मुर्मू, सोम मुर्मू, तालाकुड़ी, बाबूलाल बास्की को बरी कर दिया. अभी इनमें से सिर्फ सोम मुर्मू को ही रिहा किया जायेगा. अन्य चार को अलग-अलग मामलों में अभी जेल में ही रहना पड़ेगा. इसमें प्रवीर दा जैसे नक्सली को पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार हत्याकांड में फांसी की सजा हो चुकी है.
भाकपा माओवादियों के मारक दस्ते ने 24 अप्रैल की शाम शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पलासी और सरसाजोल बूथ से चुनाव संपन्न करा बस से लौट रही पोलिंग पार्टी को लैंड माइन विस्फोट कर उड़ा दिया था. इसमें बस में सवार खलासी समेत तीन मतदानकर्मियों की मौत हो गयी थी. वहीं बस के आगे मैजिक वाहन पर चले रहे पांच पुलिस कर्मियों को नक्सलियों ने मार डाला था. नक्सलियों ने पुलिस की पांच इंसास राइफल, 550 गोली, 25 पीस मैगजीन लूट लिये थे. शिकारीपाड़ा थाने के तत्कालीन थानेदार सुमन कुमार सुमन ने प्राथमिकी दर्ज की थी.
शिकारीपाड़ा के पलासी व सरसाजोल बूथ पर चुनाव संपन्न करा लौट रहे मतदानकर्मियों की बस को लैंडमाइन विस्फोट कर उड़ा दिया था