बासुकिनाथ श्रावणी मेला में कांवरियों की भीड़ उमड़ी, बाबा फौजदारीनाथ की भक्ति में ओत प्रोत हुए कांवरिये, 1,15,845 कांवरियों ने अरघा में जल डाला
मंदिर प्रांगण में अधिकारियों ने कांवरियों की कतार को सुचारू रूप से मंदिर प्रांगण में प्रवेश कराकर जलार्पण कराया
बासुकिनाथ. राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव के नौवें दिन मंगलवार को बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ लगी रही. तीन बजे भोर से मंदिर प्रांगण, शिवगंगा घाट व मेला परिसर कांवरियों से पटा रहा. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 1,15,845 कांवरियों ने अरघा में जल डालकर बाबा फौजदारीनाथ का सुख समृद्धि की कामना की. मंदिर परिसर बाबा के जयकारे से गूंजता रहा. महिला व पुरुष श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर बाबा पर जलार्पण किया. मंदिर प्रांगण में अधिकारियों ने कांवरियों की कतार को सुचारू रूप से मंदिर प्रांगण में प्रवेश कराकर जलार्पण कराया. कांवरियों की श्रद्धा भक्ति व आस्था देखते ही बन रही थी. तीन बजे भोर से ही मंदिर में भक्तों का जो तांता चला वह शाम तक बनी हुई है. संध्या पूजा में कुछ देर के लिए विराम हुआ फिर जलार्पण अनवरत चल रहा है. कांवरियों की कतार संस्कार मंडप, फलाहारी धर्मशाला, क्यू कॉम्प्लेक्स व शिवगंगा पीड़ तक सिमटी रही. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 8,965 महिला पुरुष कांवरियों ने जलार्पण काउंटर पर जल डाला. शिवभक्तों ने एलइडी स्क्रीन पर भगवान भोलेनाथ का दर्शन कर यहां जलार्पण किया. पाइप लाइन द्वारा यह गंगाजल सीधे शिवलिंग पर गर्भगृह में गिरता है. काउंटर पर वैसे कांवरिया जलार्पण करते हैं जो कांवरिया शेड में कतारबद्ध नहीं होना चाहते.
11,69,875 रुपये की हुई आमदनी
शिव मंदिर न्यास पर्षद को सावन के मंगलवार को विभिन्न श्रोतों से 11,69,875 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. मंदिर प्रांगण सथित विभिन्न दानपेटी से कुल 2,80,530 रुपये नगद, मंदिर गर्भगृह गोलक से 71,400 रुपये प्राप्त हुए. गोलक से 198 ग्राम चांदी एवं अन्य श्रोतों से 7,945 रुपये मंदिर को आमदनी हुई. मंदिर गोलक से निकले राशि की गिनती मंदिर प्रशासनिक भवन में सीसीटीवी व अधिकारी के निगरानी में किया गया.
2,700 कांवरियों ने किया शीघ्रदर्शनम
शीघ्रदर्शनम व्यवस्था के तहत मंगलवार को 2700 श्रद्धालुओं ने बाबा फौजदारीनाथ की सुलभ जलार्पण किया. इस व्यवस्था के तहत शिव मंदिर न्यास पर्षद को 8 लाख 10 हजार रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. इसके तहत कांवरियों को मंदिर कार्यालय से 300 रुपये का कूपन कटाना पड़ता है. मंदिर सिंह द्वार से उक्त श्रद्धालु को मंदिर प्रांगण में प्रवेश मिलता है. मंदिर प्रांगण स्थित विशेष द्वार से श्रद्धालु मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर जलार्पण करते हैं. शीघ्रदर्शनम की बेहतर व्यवस्था पर अधिकांश कांवरियों ने प्रसन्नता व्यक्त की.
पंचाक्षरी मंत्र के जाप से मिलती है मुक्ति
बासुकिनाथ. पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय व महामृत्युंजय मंत्र के जाप से मिलती है सभी कष्टों से मुक्ति. दु:ख भय, रोग, मृत्युभय आदि दूर होकर मनुष्य को दीर्घायु कह प्राप्ति होती है. पंडित सुधाकर झा ने बताया कि विश्व शांति के लिए रुद्राभिषेक आदि का अनुष्ठान कराया जाता है, सावन मास में शिवोपासना में पार्थिव पूजा व शिव की मानस पूजा का विशेष महत्व है.
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