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42 माह तक कर्मचारी अंशदान इपीएफ में विभाग ने नहीं किया जमा, सांसद से लगायी गुहार

रकम अनुबंधकर्मियों के मानदेय से प्रत्येक माह दुमका जिला के सभी प्रखंड के प्रखंड लेखा प्रबंधक द्वारा कटौती कर सिविल सर्जन कार्यालय में जमा

काठीकुंड. बुधवार को स्वास्थ्य कर्मी 32 से 42 माह का इपीएफ पासबुक में कर्मचारी अंशदान रकम जमा नहीं होने की समस्या लेकर दुमका सांसद नलिन सोरेन के काठीकुंड स्थित आवास पहुंचे. ज्ञापन सौंपते हुये बताया कि ईपीएफ कर्मियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कर्मियों के मानदेय से राशि कटौती कर विभाग कर्मी के इपीएफ पासबुक में जमा कराया जाता है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत अनुबंधकर्मियों का लगभग 32 से 42 माह का कर्मचारी अंशदान रकम इपीएफ पासबुक में जमा नहीं हुआ है, जबकि कर्मियों के मानदेय से राशि की कटौती कर ली गयी है. बताया कि यह रकम अनुबंधकर्मियों के मानदेय से प्रत्येक माह दुमका जिला के सभी प्रखंड के प्रखंड लेखा प्रबंधक द्वारा कटौती कर सिविल सर्जन कार्यालय में जमा किया गया है. अधिकतर बकाया राशि वर्ष 2016 से वर्ष 2022 के बीच की है. कर्मियों ने सांसद को बताया कि कर्मचारी अंशदान रकम के लिए अनुबंध कर्मी करीब दो वर्षो से सिविल सर्जन कार्यालय, दुमका का चक्कर लगा रहे हैं. सिविल सर्जन डॉ बच्चा सिंह द्वारा कुछ महीने पूर्व इस विषय पर यह कहा गया था कि एक एएनएम के आधार कार्ड में जन्मतिथि की गड़बड़ी है, जन्म तिथि सुधरते ही बकाया भेज दी जायेगी. उक्त राशि कर्मियों के इपीएफ पासबुक में जमा नहीं होने के कारण अनुबंधकर्मियों को नियोक्ता अंशदान का बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है. वहीं, सांसद सोरेन ने सिविल सर्जन को फोन कर मामले में शीघ्र आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये. मौके पर स्नेहलता बास्की, जुली किरण मुर्म, स्टेनशीला हांसदा, मिलीसेंट टुडू, अनिता हांसदा, ललिता टुडू, रीता सोरेन, एगनेश हेंब्रम, अनिता मुर्मू सहित कई स्वस्थ कर्मी मौजूद थे.

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