मसलिया/दलाही. विभागीय स्तर पर स्वास्थ्य केंद्र के लिए सरकारी भवन बनाने का आदेश कहीं के लिए दिया जाता है और भवन कहीं और बना दिया जाता है. गलत जगह पर निर्माण करने की वजह से उसका उपयोग सुनिश्चित नहीं हो पाता. परेशानी जनता को झेलनी पड़ती है. ऐसे ही एक बानगी अब मसलिया दिखी. भवन धोबना हरिनबहाल पंचायत के जेरुवाडीह गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र बनाने के आदेश मिला. जिसे साढ़े चार किलोमीटर दूर रानीघाघर पंचायत के जेरुवाडीह गांव में बना दिया गया. ऐसे में यह भवन अनुपयोगी हो गया. इतनी लंबी अवधि तक जैसे-तैसे लोगों को स्वास्थ्य सुविधायें नसीब हुई. भवन निर्माण दूसरे पंचायत के जेरुवाडीह मौजा में दिए जाने पर इसका लाभ सही पोषक क्षेत्र के ग्रामीणों को नहीं मिला. विभागीय स्तर पर इस कार्य के लिए संवेदक को भुगतान हुआ यह नहीं, यह बात अलग है, पर भवन उपयोग किए बिना खंडहर में तब्दील हो गया. खिड़की, दरवाजे, छज्जे, प्लास्टर झड़ने लगे हैं. खिड़की का शीशा चकनाचूर हो गये हैं, दीवार एवं फर्श में दरारें आ गयी है. भवन के अंदर कचरा का अंबार है. आवारा मवेशियों जानवरों का विश्राम करने का अड्डा बन गया है. इसका लाभ और असामाजिक तत्व द्वारा उठाया जा रहा है. मिली जानकारी के मुताबिक संवेदक एजेंसी की लापरवाही से रानीघाघर पंचायत के जेरुवाडीह गांव में वित्तीय वर्ष 2015-16 में हेल्थ सब सेंटर बनाया गया था. नौ साल पहले बने इस भवन में आज तक डॉक्टर व एएनएम नही पहुंच पाए. भवन आज खंडहर में तब्दील हो गया है. धोबना हरिनबहाल पंचायत के जेरुवाडीह और रानीघाघर पंचायत के जेरुवाडीह गांव की दूरी करीब साढ़े चार किलोमीटर की है. संवेदक व विभागीय जेइ और अधिकारी अपने कार्य के प्रति किस हद तक लापरवाह रहे होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. सवाल यह भी उठता है कि संवेदक ने आनन-फ़ानन में भवन का कार्य पूरा कर दिया, तो विभाग के अभियंता जिन्हें काम का निरीक्षण करना था, उन्होंने क्यों नहीं इसे रोका. बहरहाल इधर दो माह पूर्व धोबना हरिनबहाल पंचायत के जेरुवाडीह में एनआरइपी से 55 लाख रुपये के लागत से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनकर तैयार है, जिसके जरिये अब इलाके के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें मिलने की उम्मीद है.
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