पहाड़िया समुदाय के लोगों ने रामगढ़ में रैली निकाल कर किया विरोध-प्रदर्शन

पहाड़िया समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार ने बहुत तरह की नीतियां बनायी है

By Prabhat Khabar News Desk | August 28, 2024 12:17 AM

रामगढ़. आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय की प्रशासनिक उपेक्षा के विरोध में पहाड़िया समाज के लोगों ने मंगलवार को विरोध-प्रदर्शन किया. साथ ही रैली का आयोजन किया. रुक-रुक कर हो रही बारिश के बावजूद विभिन्न पहाड़िया गांवों से अच्छी संख्या में लोग रैली में जुटे थे. आदिम जनजाति माल पहाड़िया विकास समिति के बैनर तले निकाली गयी. जिसमें शामिल पहाड़िया समुदाय के लोगों ने रैली के बाद प्रखंड मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया. मौके पर वक्ताओं ने कहा कि पहाड़िया समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार ने बहुत तरह की नीतियां बनायी है. किंतु उन नीतियों का अनुपालन ठीक से नहीं हो रहा है, जिसके कारण इन आदिम जनजातियों का शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास बाधित हो रहा है. इन जनजातियों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार एवं प्रशासन के स्तर पर विशेष प्रयास की जरूरत है. साथ ही इनके कल्याण के लिए चलायी जाने वाली योजनाओं को वास्तविक रूप से धरातल पर उतारने के लिए प्रशासन को विशेष प्रयास करना चाहिये. धरना-प्रदर्शन को संबोधित करने वालों में मुख्य रूप से भूतपूर्व जिला परिषद सदस्य कन्हाई देहरी, भूतपूर्व मुखिया अर्जुन पुजहर, अशोक देहरी, सनातन देहरी, जर्मन राय पहाड़िया आदि शामिल थे. धरना के बाद कन्हाई देहरी के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने झारखंड के राज्यपाल को संबोधित 22 सूत्रीय मांगों वाला ज्ञापन बीडीओ की अनुपस्थिति में प्रखंड के प्रधान लिपिक को सौंपा. ये हैं प्रमुख मांगें : सौंपे गए ज्ञापन में शामिल मांगों में पहाड़िया समुदाय के शिक्षित युवक-युवतियों को सीधी नौकरी, रामगढ़ में आदिम जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय की स्थापना, कल्याण विभाग द्वारा संचालित आदिम जनजाति आवासीय बालक मध्य विद्यालय, लखनपुर, रामगढ़ को प्लस टू में उत्क्रमित करने, पहाड़िया गांवों शुद्ध में पेयजल की व्यवस्था करने, पहाड़िया गांव-टोलो में खराब पड़े जल मीनरों की मरम्मत कराने, पहाड़िया गांव को संपर्क सड़क एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जोड़ने, आदिम जनजाति समुदाय को डाकिया योजना द्वारा खाद्यान्न घर पर अनिवार्य रूप से प्रतिमाह उपलब्ध कराने, सभी पहाड़िया परिवारों को खाद्यान्न योजना का लाभ उपलब्ध कराने, पहाड़िया गांव के बीच बहने वाली नदी एवं जोरिया आदि पर आवश्यकता के अनुरूप पुल एवं पुलियों का निर्माण करने जैसी मांगें मुख्य रूप से शामिल हैं.

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