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पुलिस ने साइबर अपराधी प्रफुल्ल मंडल को जेल भेजा, पूछताछ में अपने 19 सहयोगितयों के नाम का किया खुलासा

एसपी को सूचना मिली थी की सरैयाहाट थाना क्षेत्र अंतर्गत सालजोरा बंदरी गांव के डंगाल के पास बड़ी संख्या में साइबर अपराधी इकट्ठा

By Prabhat Khabar News Desk | July 31, 2024 8:45 PM

सरैयाहाट. जिले के सरैयाहाट थाना क्षेत्र अंतर्गत सालजोरा बंदरी गांव साइबर अपराध का नया हब बन गया है. उक्त मामले में एक युवक को गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया है. दरअसल एसपी को सूचना मिली थी की सरैयाहाट थाना क्षेत्र अंतर्गत सालजोरा बंदरी गांव के डंगाल के पास बड़ी संख्या में साइबर अपराधी इकट्ठा होकर साइबर अपराध का अंजाम दे रहे हैं. प्रतिबिंब पोर्टल से प्राप्त नंबर 743****351 का लोकेशन मिल रहा था. ऐसे में एसपी के निर्देश पर उक्त सूचना का सत्यापन एवं साइबर अपराधी की धर-पकड़ के लिए एसडीपीओ संतोष कुमार के नेतृत्व में छापामारी दल का गठन किया गया, जिसमें थाना प्रभारी निरंजन कुमार, एसआई मोनू राम, आरक्षी मनोज मेलगांडी व महेंद्र प्रसाद यादव शामिल थे. बांका जिला सीमा से सटे जब वे सालजोरा बंदरी डंगाल के पास पहुंचा तो पुलिस गाड़ी को देखते हुए कुछ युवक भागने लगे. जिसमें से एक युवक को पकड़ लिया गया. अन्य युवक जंगल झाड़ का लाभ उठाकर भागने में सफल हो गये. पकड़े गये युवक से नाम पता पूछने पर अपना नाम प्रफुल्ल मंडल व पता सालजोरा बंदरी बताया. साथ ही भागे हुए युवकों का नाम पता कड़ाई से पूछने पर बताया कि इस गिरोह में विक्की मंडल, सुमन मंडल, पंकज मंडल उर्फ गुजा मंडल, मुकेश मंडल, राजेन्द्र मंडल, मोहन मंडल, सोनु यादव, अशोक यादव, पंकज मंडल, सुमन मंडल, मितन मंडल, फुलेबर मंडल, विवेक मंडल, राजा मंडल, किशोर कुमार, मणिकांत मंडल, विजय मंडल, लक्ष्मण मंडल, अनिल मंडल शामिल है, जो सालजोरा बंदरी के ही रहनेवाले हैं. पूछताछ करने पर बताया गया कि वे सभी यहां पर साइबर ठगी करने के लिए इक्ट्ठा हुए थे. छापामारी दल द्वारा प्रफुल्ल मंडल की तलाशी लेने परपॉकेट से तीन मोबाईल जिसमें पहले पर 74394713512 व 7077418234 व दूसरे पर 8639200415 व 9353883200 सिमकार्ड था. दाहिने पॉकेट से एक मोबाइल निकला, उसमें भी 91231340092 व 8292120459 नंबर के सिमकार्ड थे. प्रतिबिंब पोर्टल से प्राप्त नंबर 743****351 को मोबाइल में लगा हुआ पाया एवं विभिन्न पैमेंट एप मोबाइल में इंस्टॉल पाया गया. बरामद मोबाईल और सिम के बारे में पूछताछ करने पर बताया कि वह लोग 15 से 20 युवकों के एक संगठन के रूप में काम करते है. साथ मिलकर कभी बैंक का कर्मचारी बैंक मैनेजर तो सीनियर अधिकारी बनकर लोगों से बात करते हैं. संबंधित व्यक्ति का क्रेडिट कार्ड का लिमिट अपडेट, आधार कार्ड में सुधार,विभिन्न योजना का लाभ दिलाने का बात बोलकर लिंक भेजते है. जिसे ओपन करने को कहा जाता है. मोबाइल का क्लोनिंग कर लेते है, जिसका ओटोपी उसके मोबाइल में आ जाता है. फिर ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर कर लेते है. पुलिस ने कांड संख्या 93/24 में बीएनएस के तहत 319(2),318(4),338,336(3)66(2),66D, आईटी एक्ट 42(3)e के तहत मामला दर्ज कर लिया है. उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

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