दुमका नगर. जिले के शिकारीपाड़ा में पिछले तीन दिनों में डायरिया से तीन महिलाओं की मौत हो गयी है, जिसमें दो एक ही परिवार की बतायी जा रही है. स्वास्थ्य विभाग के शिथिल रवैये से लोगों में इस कदर आक्रोश दिखा कि मेडिकल टीम पहुंचने पर उन्हें आक्रोशित ग्रामीणों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा. सोनाढाब संताल टोला गांव में डायरिया से जिन लोगों की मौत हुई है, उसमें सोनाढाब संताल टोला की चितामुनी हेंब्रम (35 वर्ष), वाहामुनी मुर्मू (23 वर्ष) एवं लुखी मरांडी 33 वर्ष शामिल है. शुक्रवार को जब मेडिकल की टीम गांव पहुंची तो मेडिकल की टीम को देखकर गांव के लोग काफी आक्रोशित हो गए. स्वास्थ्य व्यवस्था पर ग्रामीणों सवाल उठाते हुए इलाज में लापरवाही बरते जाने का आरोप लगाते हुए टीम के गांव पहुंचने का जमकर विरोध करने लगे. ग्रामीणों को काफी उग्र देख मेडिकल टीम किसी तरह से गांव से भागकर मुख्यालय पहुंचना पड़ा. मेडिकल टीम ने मुख्यालय पहुंचकर मामले की जानकारी थाना प्रभारी व अंचल अधिकारी को दी, जिसके बाद थाना प्रभारी हरिप्रसाद साह व अंचल अधिकारी कपिल देव ठाकुर दलबल के साथ गांव पहुंचे और ग्रामीणों को समझाया तथा बीमार लोगों का इलाज शुरू किया. जानकारी मिलने पर बीडीओ एजाज आलम भी पहुंचे. वहीं, गंभीर रूप से बीमार दो महिलाओं को बेहतर इलाज के लिए दुमका फूलो झानो मेडिकल अस्पताल भेजा गया. ग्रामीणों के मुताबिक तीन दिन पूर्व बुधवार को गांव में अचानक डायरिया का प्रकोप फैल गया. टोला में एक भी चापाकल नहीं, कुआं का दूषित पानी पीने को मजबूर है लोग गांव में चापाकल नहीं है. पीने के लिए लोग कुएं का उपयोग कर रहे हैं. इसी कुएं के पास लोग मवेशी भी बांधकर रखते हैं. ऐसे में आशंका जतायी जा रही है कि उसका पानी बिल्कुल दूषित हो गया होगा और इससे गांव के लोग प्रभावित हो गये होंगे. डॉ गौरव भीम मुर्मू ने बताया कि शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिकारीपाड़ा से सोनाढाब के सुमी सोरेन व माइनो टुडू को फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल दुमका रेफर किया गया है. बीडीओ एजाज आलम ने बताया कि तीन दिनों में तीन की मौत हुई है. मेडिकल टीम लगातार गांव पहुंच रही है. ग्रामीणों के अनुसार दूषित पानी पीने से पतला दस्त हो रहा है.
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