जिले में धूमधाम से मनायी गयी लक्खी पूजा
दुमका में देर शाम जगह-जगह शुरू हुए धार्मिक अनुष्ठान
दुमका. जिले में बंगाली समुदाय की ओर से धूमधाम से जगह-जगह लक्खी पूजा की जा रही है. शहर के दुर्गास्थान, राधामाधव, गांधीनगर, रसिकपुर, बाबूपाड़ा समेत विभिन्न स्थानों-पूजा मंडपों में प्रतिमा स्थापित कर लक्खी की जा रही है. देर शाम पूजा करने के लिए बंगाली समुदाय के लोग पूजा मंडपों में पहुंच चुके थे. ढोल-ढाक के साथ अनुष्ठान की शुरुआत की गयी. रानीश्वर प्रतिनिधि के मुताबिक रानीश्वर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में धूमधाम से कोजागोरी लक्खी पूजा की जा रही है. कुमिरदहा, महेषबाथान, निझुरी, कदमा, कितुड़ी आदि गांवों के अलावा विभिन्न दुर्गा मंदिरों में भी मां लक्खी की प्रतिमा स्थापित की गयी है. घरों में भी लोग पूजा कर रहे है. लक्खी पूजा को लेकर प्रखंड क्षेत्र में उत्सव का माहौल है. इस उपलक्ष्य में विभिन्न गांवों में सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जायेगा. काठीकुंड प्रतिनिधि के मुताबिक प्रखंड भर में धूमधाम से मां लक्खी की पूजा-अर्चना की गयी. काठीकुंड बाजार स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर व मंडल दुर्गा मंदिर में माता की भव्य प्रतिमा पूजा समितियों द्वारा स्थापित की गयी है. बुधवार देर शाम विधिवत पूजा अर्चना को लेकर भक्तों की भारी भीड़ जुटी. भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. शुक्रवार को शोभा यात्रा के साथ ही प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जायेगा. पूजा के सफल आयोजन को लेकर पूजा समिति के पप्पु दे, राहुल मंडल, श्रीकण्ठ मंडल सहित अन्य सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. वहीं, दलाही प्रतिनिधि के मुताबिक मसलिया के विभिन्न गांव में कोजागरी पूर्णिमा में माता लक्खी की पूजा संपन्न हुई. केंदघाटा में दास परिवार द्वारा पूजा की गयी. जबकि हथियापाथर व ठाड़ी गांव में भी काफी धूमधाम देखा गया. जेरवाखिलकनाली गांव में सार्वजनिक पूजा की गयी. पुरोहित सुबोध झा के अनुसार मां लक्खी की पूजा शरद पूर्णिमा के दिन होती है. इसलिए इसे कोजागिरी पूर्णिमा भी कहा जाता है. माता लक्खी की विधिवत पूजा और व्रत करने से जीवन धन्य होता है और धन्य धान्य की प्राप्ति होती है.
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