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रथ की रस्सी खींच कर भक्तों ने लिया भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद, दुर्गा स्थान मंदिर से निकली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा

रथ यात्रा में उमड़े श्रद्धालु, नगर भ्रमण को निकाली गयी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा

दुमका. उपराजधानी के दुर्गा स्थान मंदिर से रविवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गयी. 10 टन लोहे से बने रथ पर भगवान जगन्नाथ के साथ सुभद्रा और बलराम भी सवार थे. भक्तों के बीच यह मान्यता है कि रथ यात्रा में शामिल होने और भगवान का रथ खींचने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है. रथ यात्रा में अच्छी संख्या में भक्तों ने भाग लिया और रथ की रस्सी खींच कर भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद लिया. जगन्नाथ भगवान की पूजा-अर्चना को लेकर सुबह से ही दुर्गा स्थान मंदिर में भक्तों की भीड़ बनी रही थी.

संकीर्तन के साथ निकली रथयात्रा, गोपीकांदर:

गोपीकांदर प्रखंड के खरौनी बाजार में संकीर्तन के माध्यम से महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा निकाली गयी. रथयात्रा खरौनी के दुर्गा मंदिर से लक्ष्मी मंदिर तक पहुंची. रथयात्रा में दर्जनों ग्रामीण भक्त शामिल. जिसमें डोल, करताल, तासा के साथ हरे कृष्ण-हरे राम नाम गाते हुए भक्तों द्वारा भगवान जगन्नाथ, बलराम और देवी सुभद्रा की जय जयकारे लगाए गए. मान्यताओं के अनुसार भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने नगर घूमने की इच्छा जाहिर की, जिसके बाद बहन की इच्छा पूरा करने के लिए भगवान जगन्नाथ ने तीन रथ बनवाये और सुभद्रा को नगर घुमाने के लिए रथ यात्रा पर ले गये. सबसे आगे वाला रथ भगवान बलराम का, बीच वाला रथ बहन सुभद्रा का और सबसे पीछे वाला रथ भगवान जगन्नाथ का होता है. स्कंद पुराण के अनुसार, प्रथम मन्वंतर के द्वितीय खंड सतयुग में जगन्नाथ जी की पहली रथयात्रा निकली थी. जब परमेश्वर इस पुरुषोत्तम क्षेत्र में नीलमाधव रूप में उपस्थित रहे. रथ यात्रा में सुधार पाल, सुबोध पाल, तिलक पाल, बास सुरेश दास, उत्तम दास, रतन पाल सहित दर्जनों भक्त शामिल हुए. नोनीहाट प्रतिनिधि के मुताबिक भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा ठाकुरबाड़ी से निकलकर नोनीहाट के सभी गली मोहल्ले होते हुए पुन: ठाकुरबाड़ी लौटी. यात्रा के दरमियान शंख घट की गूंज व भक्ति भावना से माहौल से ओत प्रोत रहा. भगवान जगन्नाथ के रथ खींचने वाले श्रद्धालु पंडित दिनेश झा, सूरज कुमार झा, गौतम कुमार, शंभू कुमार, पुनीत कुमार, सत्यम कुमार, प्रदीप कुमार, मनीष कुमार आदि भक्त सक्रिय थे.

वहीं,

शिकारीपाड़ा प्रखंड के विभिन्न मंदिरों में रथयात्रा के अवसर पर भगवान जगन्नाथ, बलराम व सुभद्रा की विशेष पूजा-अर्चना की गयी. इस पावन अवसर पर राधा गोविंद मंदिर राजबांध में विशेष पूजा अर्चना के उपरांत भगवान जगन्नाथ, बलराम व सुभद्रा जी को रथ पर विराजमान किया गया. यात्रा का प्रारंभ मंदिर के सेवायत पूर्णिमा देवी के नेतृत्व में किया गया. श्रद्धालु रथ को खींचते हुए संकीर्तन व भगवान जगन्नाथ की जय घोष के साथ गांव के तीनों टोला सहित पलासी का भ्रमण किया. रथयात्रा की झांकी की सफल संचालन में महंत सदानंद, समीर घोष, धन्नजय पाल, जनार्दन मंडल, कल्पना मंडल, सदानंद महतो, उर्मिला दासी, हरिनंदन घोष आदि शामिल थे. दूसरी ओर प्रखंड के सरसाजोल, कुलकुली डंगाल कजलादहा, पकदहा, जामकांदर, मोहलपहाड़ी सहित विभिन्न जगहों पर भगवान जगन्नाथ, बलराम व सुभद्रा की विशेष पूजा के उपरांत रथयात्रा की झांकी निकाली गयी. दलाही प्रतिनिधि के मुताबिक गुमरो राज स्टेट में श्रद्धालुओं द्वारा रथयात्रा निकाली गयी. इससे पहले भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा एवं बलभद्र की प्रतिमा स्थापित कर पुजारी द्वारा पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की गयी और रथ में सवार करने के बाद खोल कीर्तन के साथ रथयात्रा निकाली गयी. इस दौरान निमाई चंद्र झा, हरिहर प्रसाद सिंह, राजू झा, दिलीप दे, भोला सिंह, मदन सिंह, अजीत झा, मंगल सिंह इत्यादि शामिल थे. वहीं, सदर प्रखंड के रानीबहाल में ग्रामीणों द्वारा रथ के साथ खोल करताल के साथ शोभायात्रा निकाली. रथ मंदिर से रथ निकाल कर पूरे गांव का भ्रमण कराया गया. इसके पहले मंदिर में पूजा-अर्चना की गयी. शोभायात्रा में काफी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए.

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