भागवत कथा सुनने से अहंकार का होता है नाश : व्यासानंद महाराज
श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के चौथे दिन बुधवार को गजेंद्र मोक्ष का प्रसंग सुनाया गया. कथा व्यास ने कहा कि जब भक्तों के जीवन में संकट आता है तो ईश्वर तारणहार बनकर मदद करने पहुंच जाते हैं.
बासुकिनाथ. जरमुंडी प्रखंड के सिंहनी चमराबहियार गांव में श्रीमद्भागवत कथा पंडाल में भागवत भक्तों की भीड़ लगी हुई है. श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के चौथे दिन बुधवार को गजेंद्र मोक्ष का प्रसंग सुनाया गया. कथा व्यास व्यासानंद महाराज ने उपस्थित भक्तों से कहा कि जब भक्तों के जीवन में संकट आता है तो ईश्वर तारणहार बनकर मदद करने पहुंच जाते हैं. उन्होंने बताया कि संकट की घड़ी में जब कोई भी स्वजन साथ नहीं देते, तब भक्त की आर्तनाद (पुकार) केवल भगवान ही सुनते हैं. इसीलिए ईश्वर का आश्रय ग्रहण करनेवाले जीव का परमात्मा ही अपना और सगा है. उन्होंने कथा सुनाते हुए श्रद्धालुओं को बताया कि अपना कल्याण चाहनेवाले को परमात्मा के शरणागत बनकर रहना चाहिए. श्रीमद्भागवत के प्रसंगाधीन कथा व्यास ने समुद्र मंथन का भी वर्णन किया. उन्होंने कहा कि जीवन में उन्नति के लिए सभी को उद्यम करते रहना चाहिए. समुद्र मंथन की तरह जीवन की उद्यमशीलता में यदा-कदा विष जैसा परिणाम भी मिलता रहता है. लेकिन संकट से बिना डरे संघर्ष करना ही श्रेयस्कर है. अंततोगत्वा अमृत रूपी फल भी प्राप्त होता ही है. समुद्र मंथन का वर्णन करते हुए कथा व्यास ने बताया कि सत्य और असत्य की लड़ाई में भगवान सदा सर्वदा सत्य का ही साथ देते हैं. कथा व्यास द्वारा समुद्र मंथन, देवासुर संग्राम, भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की कथा, वामन बली चरित्र, मत्स्य अवतार, नरसिंह अवतार, वामन अवतार, श्रीराम अवतार की कथा विस्तारपूर्वक सुनायी गयी. उन्होंने संपूर्ण प्राणियों को आनंद देने वाले कृष्ण अवतार की कथा में “नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ” भजन के माध्यम से कृष्ण जन्मोत्सव का मनोहर वर्णन प्रस्तुत किया. इस अवसर पर भागवत कथा में उपस्थित श्रोतागण भाव विभोर होकर भक्ति में तल्लीन रहे. कथा पंडाल ””राधे राधे, जय श्री राधे ” की गूंज से गुंजायमान होता रहा. भागवत कथा के इस आयोजन में बतौर यजमान घनश्याम बैद्य व उनकी धर्मपत्नी सुनैना देवी भाग ले रही हैं. कार्यक्रम के सफल आयोजन में भागवत कथा आयोजक समिति के सदस्य संतोष बैद्य, मिथिलेश बैद्य, मुन्ना कुमार बैद्य, उमेश बैद्य, अरविंद बैद्य, गणेश भंडारी, मुकेश राउत, प्रशांत राउत, कौशल राउत, किशोर राउत, सतीश राउत, विकास कुमार, मोहन बैद्य, राजू बैद्य सहित स्थानीय सभी ग्रामीण तन मन धन से लगे हुए हैं.
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