एमएसपी में किसानों से गरमा धान खरीद का कोई इंतजाम नहीं, बेहद कम कीमत पर किसानों को बेचना पड़ रहा है धान
गरमा धान की कीमत 1750 रुपये से 1800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिल रहा
रानीश्वर. किसानों को गरमा धान की उपज खरीदने के लिए सरकार की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. किसानों को खुले बाजार में बेहद कम कीमत पर धान बेचना पड़ रहा है. इस क्षेत्र के सिंचित इलाके के किसानों ने बड़े पैमाने पर गरमा धान की खेती की है. खरीफ की तुलना में गरमा धान की खेती में उत्पादन ज्यादा होता है. इसलिए किसान काफी मेहनत व खर्च कर गरमा धान की खेती करते हैं. एक बीघा जमीन पर 8 से 10 क्विंटल की दर से उपज होती है. गरमा धान की खेती के लिए किसानों को काफी रिस्क भी लेना पड़ता है. फसल पककर तैयार होने या फसल कटनी के समय आंधी बारिश होने की संभावना रहती है. हालांकि इस बार किसानों को वह परेशानी झेलना नहीं पड़ा. फसल कटाई के समय एक दो दिन हल्की बारिश हुई थी. अधिकांश किसानों ने फसल काट ली है. बाजार में गरमा धान का किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. बाजार में खरीफ धान की कीमत प्रति क्विंटल 2000 रुपये से ज्यादा मिल रहा है. वहीं गरमा धान की कीमत 1750 रुपये से 1800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिल रहा है. सादीपुर गांव के किसान राजेश भंडारी ने बताया कि गरमा धान की कीमत बाजार में 1750 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिल रहा है. लखनपुर गांव के किसान सिंटू पाल ने बताया कि धान की क्वालिटी अच्छी होने से 1800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिल रहा है. जो किसान ट्रैक्टर पर लगी मशीन से धान झाड़ कर बेच रहे हैं उन्हें और कम दाम मिल रहा है. इस संबंध में प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी प्रदीप कुमार कोठरीवाल ने बताया कि गरमा धान की खेती सभी जगहों पर नहीं होती, जिस कारण सरकार की ओर से किसानों से गरमा धान खरीदने की व्यवस्था नहीं है.
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