Jharkhand News: संताल परगना प्रमंडल में इस साल भी मानसून का साथ किसानों को नहीं मिल रहा है. जून के बाद जुलाई में भी अच्छी बारिश नहीं होने से किसानों के माथे में चिंता की लकीर बढ़ती जा रही है. अच्छी बारिश नहीं होने की वजह से महज 5.2 प्रतिशत ही धनरोपनी पूरे संताल परगना में अब तक हो सकी है, जबकि मक्का का आच्छादन भी इस साल अब तक 21.1 प्रतिशत ही हो पाया है. ये आंकड़े विभाग के लिए भी चिंताजनक है.
20 दिनों में महज 136.07 मिमी ही हुई बारिश
जुलाई महीने में अब तक 42.96 प्रतिशत ही सामान्य वर्षापात के विरुद्ध बारिश 20 दिनों में हुई है. संताल परगना में जुलाई का सामान्य वर्षापात 316.75 है, जबकि अब तक 20 दिनों में महज 136.07 मिमी ही बारिश हुई है. पूरे संताल परगना में खरीफ के मौसम में धान के आच्छादन का लक्ष्य 3,64,500 हेक्टेयर है. इसके विरुद्ध 20 जुलाई तक महज 18,939 हेक्टेयर में ही धनरोपनी हो सकी है. दुमका, जामताड़ा व देवघर की उपलब्धि एक प्रतिशत भी नहीं है. हालांकि, अन्य तीन जिलों में से गोड्डा में 4.4, साहिबगंज में 19.7 और पाकुड़ में 14.2 प्रतिशत आच्छादन हो चुका है.
दुमका के 11 फीसदी खेतों में मक्के की हो रही खेती
दुमका में अमूमन धान की फसल प्रभावित होती भी थी, तो मक्के की खेती पर उस तरह का असर नहीं दिखता था, पर इस साल मक्का का आच्छादन भी दुमका में अब तक महज 11 प्रतिशत ही हो पाया है, जबकि देवघर में 18.2, जामताड़ा में 5.9, गोड्डा में 10.6, साहिबगंज में 66.9 तथा पाकुड़ में 16.7 प्रतिशत आच्छादन हो चुका है.
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धान आच्छादन की स्थिति
जिला : लक्ष्य : उपलब्धि : प्रतिशत
दुमका : 1,11,000 : 00 : 00
देवघर : 52,000 : 65 : 00.10
जामताड़ा : 52,000 : 17 : 00
गोड्डा : 51,500 : 2248 : 04.40
साहिबगंज : 49,000 : 9656 : 19.7
पाकुड़ : 49,000 : 6953 : 14.2
प्रक्षेत्रीय योग : 3,64,500 : 18,939 : 05.20
मक्का के आच्छादन की स्थिति
जिला : लक्ष्य : उपलब्धि : प्रतिशत
दुमका : 20,960 : 2316 : 11.00
देवघर : 17,000 : 3096 : 18.20
जामताड़ा : 15,700 : 929 : 05.90
गोड्डा : 13,700 : 1452 : 10.60
साहिबगंज : 15,000 : 10,030 : 66.90
पाकुड़ : 10,860 : 1815 : 16.70
प्रक्षेत्रीय योग : 93,220 : 19,638 : 21.10
पलायन करने को मजबूर रानीश्वर के किसान
बारिश के अभाव में इस साल अपने खेतों में विभिन्न गांव के छोटे किसान धान रोपनी नहीं कर पाये हैं. अपने खेत खाली पड़े रह गये. अब किसान बंगाल जाकर मजदूरी करेंगे. दूसरे के खेतों में धान रोपनी कर रोजगार के लिए वे पूरे परिवार के साथ पलायन कर रहे है. वैसे छोटे-छोटे किसान व मजदूर बंगाल पलायन कर रहे हैं, जो खेत और बीज रहने के बावजूद केवल पानी की कमी से खेती नहीं कर पा रहे. मजदूर बनकर वे अब अपने साथ स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी लेकर पलायन कर रहे हैं.
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झारखंड के किसान बंगाल में करेंगे धनरोपनी
गुरुवार को बांसकुली पंचायत के मुरजोड़ा गांव से कई किसान व मजदूर परिवार के साथ बंगाल में धनरोपनी के लिए पलायन करते देखे गये. मुरजोड़ा के ग्राम प्रधान शिव शंकर टुडू ने बताया कि इस साल बारिश नहीं होने से खेत खाली पड़ा है. खेती नहीं होने से मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है तथा छोटे-छोटे किसान जिनका दो चार बीघा जमीन है वैसे लोग भी मजदूरी करने पलायन कर रहा है. इसी पंचायत के सिजुआ मोड़ के पास भी दर्जनों मजदूरों को बंगाल पलायन करते देखा गया. बस की प्रतीक्षा कर रहे मसलिया प्रखंड के कोल्होड़ गांव के मिस्त्री हेंब्रम से पूछे जाने पर बताया कि इस बार बारिश नहीं होने से अपने खेतों में धान रोपनी नहीं कर पाये. खेत खाली रह गया. क्षेत्र में काम भी नहीं मिल पा रहा है. इसलिए रोजगार के लिए सपरिवार पलायन कर रहे हैं. उनके साथ और भी लोग पलायन कर गये.