दुमका के कुरूवा में हावड़ा डिवीजन का पहला गति शक्ति कार्गो टर्मिनल स्थापित
बीजीआर माइनिंग एंड इंफ्रा ने विकसित किया टर्मिनल को, यहां से डब्ल्यूबीपीडीसीएल के लिए होगी कोयले की लोडिंग
दुमका. पूर्वी रेलवे के लिए एक बड़ी उपलब्धि और वह भी दुमका जिला से जुड़ी हुई है. हावड़ा डिवीजन ने रामपुरहाट-दुमका रेलखंड पर कुरूवा में अपना पहला गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल (जीसीटी) सफलतापूर्वक स्थापित किया है. वह भी केवल 10 महीने के रिकॉर्ड समय में. इसे उपलब्धि इसलिए भी माना जा रहा है, क्योंकि सामान्यत: ऐसे कामों के लिए 18 महीने की मानक समय सीमा लगती है. बीजीआर माइनिंग एंड इंफ्रा द्वारा कुरूवा में रेलवे भूमि पर विकसित जीसीटी पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (डब्ल्यूबीपीडीसीएल) के लिए कोयला लोडिंग की सुविधा प्रदान करेगी. बता दें कि बीजीआर माइनिंग एंड इंफ्रा कंपनी दुमका रेलवे स्टेशन से भी डब्ल्यूपीडीसीएल के लिए कोयले की लोडिंग कर रही है. अब कुरूवा स्टेशन से भी लोडिंग के लिए इस स्टेशन को चार-लाइन स्टेशन में अपग्रेड किया गया है. इसमें एक लाइन लोडिंग के लिए तथा लोडेड व खाली रैक को स्टैबल करने के लिए दो अतिरिक्त लाइनें शामिल हैं.
रेलवे को प्रति वर्ष 7 मिलियन टन कोयले की लोडिंग व ट्रांसपोर्टेशन का अनुमान
ईस्टर्न रेलवे से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कुरूवा स्टेशन से प्रति वर्ष 7 मिलियन टन (एमटीपीए) तक की ढुलाई संभालने का अनुमान है. क्षमता में इस वृद्धि से माल ढुलाई व्यवसाय में डिवीजन के प्रदर्शन में सुधार होने और रामपुरहाट-दुमका खंड में परिचालन दक्षता में वृद्धि होने की उम्मीद है. इसके अतिरिक्त कुरूवा को ब्लॉक स्टेशन के रूप में नामित करने से शिकारीपाड़ा और दुमका के बीच 24.5 किमी के पहले के लंबे ब्लॉक खंड को प्रभावी ढंग से कम कर दिया गया है, जिससे क्षेत्र में ट्रेन की आवाजाही के लिए परिचालन लचीलापन और विश्वसनीयता बढ़ेगी. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यह उपलब्धि न केवल हावड़ा डिवीजन के आत्मविश्वास को बढ़ानेवाली है, बल्कि भविष्य की जीसीटी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए एक मिसाल भी कायम करती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है