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तीसरे दिन संताल परगना के वनरक्षी डटे रहे आंदोलन पर

नियमावली 2014 में संशोधन करके झारखंड राज्य अवर वनक्षेत्र कर्मी संवर्ग नियमावली 2024 बनाने तथा वनपाल के शत-प्रतिशत प्रोन्नति के पद में 50 प्रतिशत पदों की कटौती करने के प्रावधानों का विरोध जताया.

प्रोन्नति के 50 प्रतिशत पद में कटौती के विरुद्ध कर रहे आवाज बुलंद संवाददाता, दुमका राज्य अवर वन सेवा संघ के बैनर तले वनरक्षी तीसरे दिन रविवार को भी धरना में डटे रहे. संयुक्त वन परिसर में आंदोलन में मौजूद वनरक्षी राज्य अवर वन क्षेत्रकर्मी संवर्ग नियमावली 2014 में संशोधन करके झारखंड राज्य अवर वनक्षेत्र कर्मी संवर्ग नियमावली 2024 बनाने तथा वनपाल के शत-प्रतिशत प्रोन्नति के पद में 50 प्रतिशत पदों की कटौती करने के प्रावधानों का विरोध जताया. आंदोलन में संताल परगना के वनरक्षियों ने कहा कि उनकी नियुक्ति झारखंड राज्य अवर वन क्षेत्रकर्मी संवर्ग नियमावली 2014 के तहत की गयी थी, जिसमें कहा गया था कि उनकी प्रोन्नति वनपाल के शत-प्रतिशत पदों पर हाेगी, उनकी प्रोन्नति के अवसर को सरकार छीनने का काम कर रही है. इसपर आपत्ति जताने पर किसी भी स्तर से सकारात्मक पहल नहीं की गयी. लिहाजा उन्हें आंदोलन में कूदने मजबूरी बनी है. वे केवल 2014 के वनरक्षी नियुक्ति नियमावली के सेवा शर्त अध्याय चार के कंडिका 15 (vii) को यथावत रखने की मांग कर रहे हैं. धरना में रविवार को तारणी मंडल, साकेत कश्यप, सुधांशु दर्वे, तबस्सुम परवीन, आशुतोष, रिंकी कुमारी, अमित शाह, मंटू सोरेन, प्रमोद राणा,राजीव रंजन, अजीत सिंह, अमीश कुमार साह, अशित कुमार, पुलक माल, सुनील साह आदि मौजूद थे.

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