जनमुद्दों और अपेक्षा का पूरा करना विधायक के लिए होगी चुनौती
स्वास्थ्य व शिक्षा की सुविधा को बेहतर करने व पेयजल संकट को दूर करने की जरूरत
रानीश्वर/काठीकुंड. चुनावी दंगल समाप्त होने के बाद वोटर्स व नेता मिल चुके हैं. शिकारीपाड़ा विधानसभा की जनता ने बढ़चढ़ कर लोकतंत्र में अपनी भूमिका सुनिश्चित करते हुए कई उम्मीदों के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा के आलोक कुमार सोरेन को अपना विधायक चुन कर विधानसभा भेजा है. अब बारी है जनप्रतिनिधियों किी. शिकारीपाड़ा विधानसभा में विकास कार्यों के साथ ही विधानसभा क्षेत्र में रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत ज्यादा फील्डिंग व मेहनत की जरूरत विधायक को पड़ेगी. स्वास्थ्य व शिक्षा के मामले में सुदूर ग्रामीण इलाकों में काफी ज्यादा सुधार की जरूरत महसूस होती है. बड़ी तादाद में लोग रोजगार की तलाश में बंगाल, गुजरात, असम, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों का रुख करते हैं, जहां कई बार लोग बाहर राज्यों में अपनी जान भी गंवा बैठे हैं. स्थानीय स्तर पर बड़े पैमानें में रोजगार के साथ ही स्वरोजगार के आयाम उपलब्ध कराना स्थानीय विधायक के लिए बड़ी चुनौती साबित होने वाली है. इनके अलावा विधानसभा क्षेत्र के कुछ ऐसे प्रमुख मुद्दे हैं, जिनके पूरे होने की उम्मीद विधानसभावासी अपने विधायक से लगाए हैं.दुमका से पाकुड़ के बीच रेल सेवा शुरू कराने की मांग कर चुके हैं ग्रामीणदुमका जिले में रेललाइन बिछने के बाद उस समय काठीकुंड प्रखंडवासियों को तगड़ा झटका लगा था, जब काठीकुंड क्षेत्र रेल लाइन से कट गया था. लोग लंबे अरसे से इस क्षेत्र को रेल लाइन से जोड़ने की मांग कर रहे हैं. दुमका से पाकुड़ व साहिबगंज तक रेल कनेक्टिविटी की सुविधा स्थानीय लोगों को काफी राहत मिल जायेगी. वर्तमान में इन लंबी दूरी के रास्तों पर लोग बस से सफर करते हैं, जो ज्यादा वक्त लेने के साथ ही थकान भरी यात्रा भी होती है. रेल सेवा चालू होने पर कम समय में लोग सुगमतापूर्वक यात्रा तय कर पायेंगे. इस क्षेत्र के लोगों की रेल की मांग करने का एक अन्य प्रमुख कारण दुमका-पाकुड़ मुख्य पथ के रास्ते काफी संख्या में कोयला लदे हाइवा वाहनों का परिचालन भी है. मुख्य मार्ग को छोड़ कोयला परिवहन के लिये अलग रूट बनाने की मांग ग्रामीण करते आ रहे है. रेल कनेक्टिविटी से जहां लोग सुगमतापूर्वक सफर कर पायेंगे. वहीं यह भी आस लोगो में है कि मालगाड़ियों के माध्यम से कोयला का परिवहन भी हो जायेगा. मुख्य मार्ग पर कोयला वाहनों का परिवहन भी बंद हो जायेगा. रेल यातायात के प्रारंभ होने से रोजगार बढ़ने की संभावनाएं भी प्रबल होंगी. काठीकुंड से ही दुमका सांसद व काठीकुंड से ही शिकारीपाड़ा विधायक के होने के कारण रेल परिवहन के प्रारंभ होने को लेकर लोगो की अपेक्षाएं काफी बढ़ चुकी है.
पर्यटनस्थल मसानजोर को रेल से जोड़ने की मांग
रानीश्वर प्रखंडवासी पश्चिम बंगाल के सिउड़ी से रानीश्वर होते हुए पर्यटन स्थल मसानजोर को रेल सेवा से जोड़ने की मांग लंबे समय से कर रहे है. आजादी के 77 साल बाद भी रानीश्वर रेल सेवा से वंचित है. रानीश्वर को रेल से जोड़ने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा एक कमेटी भी बनाया गयी है. पश्चिम बंगाल के सिउड़ी से रानीश्वर होते हुए पर्यटन स्थल मसानजोर को रेल से जोड़ने से रानीश्वर प्रखंड क्षेत्र के विकास के साथ साथ मसानजोर भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा और पर्यटकों की संख्या में इजाफा भी होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है