हूल दिवस 2024: दुमका से भोगनाडीह की पदयात्रा पर निकले लोग, 30 जून को संताल हूल के शहीदों को करेंगे नमन

हूल दिवस 2024: दुमका से भोगनाडीह की पांच दिवसीय पदयात्रा बुधवार को शुरू हुई. 30 जून को ये संताल हूल के शहीदों को नमन करेंगे और श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.

By Guru Swarup Mishra | June 26, 2024 9:57 PM

दुमका: गोटा भारोत सिदो कान्हू हूल वैसी, जोहार मानव संसाधन विकास केन्द्र, प्रेम संस्था, होली फेथ, अनुसूचित जाति जनजाति सुरक्षा समिति, न्यू केयर हॉस्पिटल दुमका के संयुक्त तत्वावधान में सिदो कान्हू चौक से शहीद ग्राम भोगनाडीह तक की पांच दिवसीय पदयात्रा का शुभारंभ बुधवार को हुआ. अतिथियों ने सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया. पदयात्रा के माध्यम से भोगनाडीह पहुंचकर ये लोग 1855 की ऐतिहासिक संताल हूल के महानायक सिदो मुर्मू, कान्हू मुर्मू, चांद मुर्मू, भैरव मुर्मू, फूलो मुर्मू, झानो मुर्मू को श्रद्धांजलि देंगे. उनके योगदानों को याद करेंगे.

आदिवासी नृत्य व संगीत का आयोजन

दुमका से शुरू हुई पदयात्रा में विभिन्न जगहों पर होने वाले पड़ाव में समाज के विकास, शिक्षा का महत्व परिचर्चा होगी. रवाना करने से पूर्व आदिवासी नृत्य व संगीत कार्यक्रम हुए. पदयात्रियों को रवाना करने के साथ थोड़ी दूर तक विशिष्ट अतिथियों पूर्व उपमुख्यमंत्री प्रो स्टीफन मरांडी, पूर्व कल्याण मंत्री डॉ लोईस मरांडी, कुलपति डॉ प्रो बिमल प्रसाद सिंह, लाइब्रेरी मेन ऑफ इण्डिया संजय कश्यप, एसडीओ अजय कुमार रजक, विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता अमिताभ बच्चन सोरेन, जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष कुमार हेम्ब्रम, डीआईएसओ रवि रंजन, जिला खेलकूद संघ के सचिव उमाशंकर चौबे, डीपीओ शिशिर तिग्गा, भारत सेवा आश्रम के प्राचार्य स्वामी नित्यवर्तनांद महाराज, गौतम चटर्जी, दादू क्लब के रामानन्द मिश्रा उत्साह बढ़ाते हुए नजर आये. लिटिल एंजल स्कूल नकटी, होलिफैथ स्कूल हेट कोरैया के बच्चों ने मनभावक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर पदयात्रियों का उत्साह बढ़ाया.

लोटा-पानी से सभी का किया गया स्वागत

पदयात्रियों का भव्य स्वागत एसकेएमयू के कुलपति डॉ प्रो बिमल प्रसाद सिंह ने विश्वविद्यालय परिसर में किया. सर्वप्रथम सभी का स्वागत लोटा-पानी से किया. कुलपति समेत सभी पदयात्रियों ने प्रांगण में स्थित वीर शहीद सिदो कान्हू के मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. प्रो डॉ विमल प्रसाद सिंह ने वीर शहीदों के योगदान हूल की प्रासंगिकता पर चर्चा की. बैसी के सचिव एमानुएल सोरेन ने कहा कि वर्तमान समय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का हूल की आवश्यकता है, ताकि शिक्षा के माध्यम से शैक्षणिक, बौद्धिक व्यवहारिक एवं नैतिक ज्ञान का उपार्जन कर हम अपने व्यक्तिगत उन्नति करते हुए समाज के सर्वांगीण विकास में उपयोगी एवं सहयोगी साबित हो. बैसी की अध्यक्ष डॉ प्रमोदिनी हांसदा के धन्यवाद ज्ञापन से कार्यक्रम का समापन किया गया.सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन बैसी के पूर्व सचिव सुलेमान मरांडी द्वारा किया गया.

इनकी रही सहभागिता

कार्यक्रम को सफल बनाने में ताराजोरा पंचायत सुशांति हांसदा, समेरी हांसदा, सचिदानंद सोरेन, सिरिल सोरेन, डॉ एएम सोरेन, डॉ सुशील मरांडी, नायकी सोरेन, गमालियल हांसदा, पीके हेम्ब्रम, इग्नेशिया मुर्मू, मोखोदी सोरेन, शिवधान सोरेन, मनीष किस्कू शामिल थे.

Also Read: 169 वें हूल दिवस को लेकर शिकारीपाड़ा से संतालकाटा पोखर तक निकाली गयी पदयात्रा

Next Article

Exit mobile version