चुनाव लड़ने के प्रयास में बन गया था बैंक मैनेजर कर्जदार, गबन में साथ देने पर ब्रांच का सफाईकर्मी भी गया जेल
भारतीय स्टेट बैंक के शिकारीपाड़ा ब्रांच में धोखाधड़ी करने वाले ब्रांच मैनेजर मनोज कुमार गिरफ्तार
दुमका : भारतीय स्टेट बैंक के शिकारीपाड़ा ब्रांच में धोखाधड़ी करने वाले ब्रांच मैनेजर मनोज कुमार गिरफ्तार कर जेल भेज दिये गये हैं. मनोज कुमार की गिरफ्तारी भागलपुर के शिवगंगा अर्पाटमेंट से की गयी थी. उनके साथ ब्रांच के सफाईकर्मी सुनील मंडल को भी जेल भेज दिया गया है. धोखाधड़ी में उसकी भी संलिप्तता उजागर हुई है. एसपी अंबर लकड़ा ने बताया कि ब्रांच मैनेजर मनोज कुमार राजमहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहता था.
इस चक्कर में उसने काफी रूपये भी खर्च कर दिये थे और वह कर्ज में डूब गया था, पर किसी दल ने उसे टिकट नहीं दिया, तो वह चुनाव नहीं लड़ पाया था. ऐसे में वित्तीय बोझ बढ़ जाने के कारण ग्राहकों के खाते से ओवरड्रॉन कर वह पैसे की जमा निकासी किये गये 79 (उनासी) लाख रूपये को उसने अपने पास रख लिया. इसके अलावा शिकारीपाड़ा एटीएम में बीजीएल पर अधिक पैसे दिखाकर कम पैसे एटीएम पर डालकर पैसे का गबन उसने किया था.
इससे भी उसने 26 लाख रूपये की धोखाधड़ी करने की बात स्वीकार की है. एसपी ने बताया कि मामले में उसके पास से 1.48 लाख रूपये नकद बरामद हुए हैं. बाकी के पैसे को वह कर्ज चुकाने में खर्च कर चुका था. वहीं जानकारी दी कि अप्राथमिक अभियुक्त ब्रांच के सफाईकर्मी सुनील मंडल ने पत्नी बेबी देवी के नाम से बैंक से पांच लाख रूपये का लोन लिया था, जिसमें पांच ब्लैंक चेक बैंक में साइन करके दिया गया था.
उनके खाते में नाजायज रूप से ब्रांच मैनेजर ने 27 लाख रूपये का ट्रांसफर किया था तथा एक फिनांस कंपनी को लाभ पहुंचाया था. एसपी अंबर लकड़ा ने बताया कि अब तक के अनुसंधान में एक करोड़ पंद्रह लाख पचास हजार रूपये के गबन का मामला प्रकाश में आया है. भारतीय स्टेट बैंक की विजिलेंस टीम भी अपने स्तर से पड़ताल कर रही है, वहीं पुलिस का भी अनुसंधान जारी है. एसपी ने बताया कि जांच पूरी होने पर गबन की गयी राशि में बढ़ोत्तरी हो सकती है.
मैनेजर को दबोचने के लिए तीन राज्यों में हुई थी छापेमारी
ब्रांच मैनेजर को दबोचने के लिए एसपी द्वारा गठित एसआईटी ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बिहार के पटना व भागलपुर तथा झारखंड में साहिबगंज सहित अन्य स्थानों पर छापेमारी की थी. अंतत: बैंक मैनेजर को उसके एटीएम ट्रांजेक्शन के लोकेशन के आधार पर भागलपुर से धर दबोचा गया. इस क्रम में उसने कोलकाता, पटना व भागलपुर जाने की बात भी स्वीकारी.
मैनेजर व उनके परिजनों के फ्रीज कर दिये गये एकाउंट
ब्रांच मैनेजर मनोज कुमार और उनके परिवार के तमाम सदस्यों के एकाउंट को तत्काल फ्रीज कर दिया गया है. ताकी खाते से पैसे की निकासी या हेराफेरी नहीं की जा सके. पड़ताल के लिए ब्रांच के अंदर के सीसीटीवी फुटेज व एटीएम के फुटेज को भी पुलिस ने कब्जे में लिया है और पड़ताल शुरू कर दी है.