करीब 1.50 लाख रुपये की हेराफेरी मामले में बेटे की जगह पिता हिरासत में,गोविंदपुर से दुमका पुलिस ले गयी अपने साथ
jharkhand news: करीब डेढ़ करोड़ रुपये के हेराफेरी मामले में दुमका पुलिस बेटे की जगह पिता को ही धनबाद के गोविंदपुर से दुमका साथ ले गयी. पिता रिटायर्ड बैंक मैनेजर हैं. बेटे अरुण प्रसाद व उसका साला बिहार के नवादा निवासी राजेश प्रसाद पर हेराफेरी करने का आरोप है.
Jharkhand news: ग्राम विकास विशेष प्रमंडल, दुमका 1.42 करोड़ रुपये की हेराफेरी मामले में वहां की पुलिस ने धनबाद जिला अंतर्गत गोविंदपुर थाना क्षेत्र के गोसाईंडीह बैंक कॉलोनी निवासी भोला प्रसाद से पूछताछ की और उन्हें अपने साथ दुमका ले गयी. भोला प्रसाद बैंक ऑफ इंडिया के रिटायर प्रबंधक है. पुलिस उनके पुत्र अरुण प्रसाद की खोज में आयी थी. अरुण दो माह पूर्व काम के सिलसिले में दिल्ली गया हुआ है.
इस संबंध में दुमका थाना प्रभारी देवव्रत पोद्दार ने बताया कि अरुण प्रसाद व उसका साला नवादा निवासी राजेश प्रसाद ने उक्त हेराफेरी की है. राजेश प्रसाद इस कांड का मुख्य आरोपी है. अरुण प्रसाद सहयोगी की भूमिका में है. दोनों दिल्ली में रहते हैं.
क्या है मामला
पुल निर्माण के एवज में मेसर्स एबीसी कंस्ट्रक्शन को मिलने वाली राशि को कोषागार के जरिये भेजी जानी थी. डीडीओ के लॉगइन से दस्तावेज व खाते में हेराफेरी कर दी गयी. इससे पैसा गुड़गांव के जीके इंटरप्राइजेज के खाता में भेज दिया गया. मामले में तीन सप्ताह से अनुसंधान में जुटी पुलिस ने अब तक यह खुलासा नहीं किया है कि खाता बदलने व बदलवाने के पीछे कौन-कौन लोग थे. वहीं, पैसे जिस खाते में गये, तो उसकी निकासी किसने की.
वहीं, इसका भी खुलासा नहीं हुआ है कि डीडीओ लॉगइन का इस्तेमाल खाता संख्या बदलने या पेई आईडी में बदलाव करने के लिए आखिर कैसे हुआ? दुमका पुलिस इस मामले में ग्रामीण विकास प्रमंडल के कैशियर पंकज कुमार वर्मा और कंप्यूटर ऑपरेटर पवन कुमार गुप्ता को जेल भेज चुकी है. छानबीन में पता चला कि राजेश और रंजन के खाते में इस राशि का बड़ा हिस्सा ट्रांसफर हुआ है. अरुण प्रसाद का राजेश साला है.
Posted By: Samir Ranjan.