Loading election data...

मनरेगा से भी तसर कीटपालन को प्रोत्साहित करने की पहल, दुमका से हुई शुरूआत

झारखंड में मनरेगा जैसी योजना से तसर कीटपालन को बढ़ावा देने की पहल हो रही है और इसकी शुरूआत दुमका जिले से हुई है. दुमका में मनरेगा के तहत बंजर भूमि में अर्जुन के पौधे लगा कर उसके जरिये न केवल मानव दिवस सृजित किये जायेंगे, बल्कि बंजर भूमि को आमदनी का जरिया बनाकर रैयतों को आर्थिक रूप से सशक्त भी किया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2020 4:01 PM

दुमका : झारखंड में मनरेगा जैसी योजना से तसर कीटपालन को बढ़ावा देने की पहल हो रही है और इसकी शुरूआत दुमका जिले से हुई है. दुमका में मनरेगा के तहत बंजर भूमि में अर्जुन के पौधे लगा कर उसके जरिये न केवल मानव दिवस सृजित किये जायेंगे, बल्कि बंजर भूमि को आमदनी का जरिया बनाकर रैयतों को आर्थिक रूप से सशक्त भी किया जायेगा. पढ़ें आनंद जायसवाल की रिपोर्ट.

दुमका जिले में पहले चरण में इस लॉकडाउन की अवधि में चार प्रखंडों में तसर कीटपालन को प्रोत्साहित करने के लिए पौधरोपण कराने की पहल हो रही है. ढाई- ढाई एकड़ के एक- एक पैच तैयार किये जा रहे हैं. एक पैच को विकसित करने में 4.20 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे और उसमें 1,692 मानव दिवस सृजित किये जायेंगे. इसका मतलब है कि मनरेगा के तहत बंजर भूमि को विकसित कर उसमें पौधे लगाने के लिए गड्ढा करने से लेकर पौधा लगाने, उसकी फेंसिंग कराने, मवेशियों से बचाने के लिए ट्रेंच कटिंग कराने और पौधों को विकसित करने के लिए खाद एवं अन्य चीजों में भी राशि खर्च होगी. पांच साल तक पौधों का रख-रखाव मनरेगा के तहत ही कराया जायेगा.

Also Read: लॉकडाउन में महिलाओं को रोजगार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को रफ्तार के लिए प्रशासन की यह है तैयारी

गोपीकांदर- काठीकुंड जैसे इलाके में पौधरोपण की तैयारी

दुमका जिले में जिन चार प्रखंडों में तसर कीटपालन के लिए अर्जुन के पौधे लगाने की तैयारी हो रही है, उनमें गोपीकांदर, काठीकुंड, रानीश्वर और शिकारीपाड़ा प्रखंड के इलाके शामिल हैं. गोपीकांदर में सूरजूडीह पंचायत के चार गांव पीपरजोरिया, सीतपहाड़ी, छोटाबथान व बड़ापाथर, काठीकुंड प्रखंड के आसनपहाड़ी पंचायत का धनकुट‍्टा, पीपरा पंचायत का सुनताबाद, कासीकुल, तेलियाचक बाजार का बड़ा चापुड़िया व कदमा पंचायत का आमगाछी, शिकारीपाड़ा के गंध्रकपुर व प्रतापुर पंचायत का जामुगड़िया तथा रानीश्वर के तालडंगाल का गांव शामिल है.

Also Read: राजधानी ट्रेन से आये टीटी ने अधिकारी को फोन किया, तब मिला खाना

किन प्रखंडों में कितने एकड़ चयनित

शिकारीपाड़ा- 100 एकड़

काठीकुंड- 80 एकड़

गोपीकांदर- 60 एकड़

रानीश्वर- 50 एकड़

Also Read: नेपाल में फंसे दुमका के मजदूरों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लगायी गुहार, कहा- जल्द घर वापस लाये सरकार

देश में सर्वाधिक तसर उत्पादन वाला जिला है दुमका

बता दें कि दुमका पूरे भारत में सर्वाधिक तसर उत्पादन करने वाला जिला है. मनरेगा से तसर कीटपालन को बढ़ावा मिलने से कवरेज एरिया बढ़ेगा. लोग आर्गेनिक तरीके से तसर उत्पादन करेंगे, तो उसकी मांग वैश्विक बाजार में होगी. मयुराक्षी ब्रांड को भी सपोर्ट मिलेगा. अर्जुन के पौधे लगने से वनक्षेत्र भी बढ़ेगा और पर्यावरण को अच्छा होगा.

Next Article

Exit mobile version