Jharkhand news: दुमका जिले में किसानों को मुफ्त में बांटे जानेवाले चना के बीज वितरण में अनियमितता उजागर होने के बाद विभागीय स्तर पर जांच करायी गयी. जांच में जिला कृषि कार्यालय के एक कर्मी, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक तथा एक कृषक मित्र की संलिप्तता उजागर हुई है. मामले में इन तीनों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.
साढ़े तीन लाख रुपये के बीज गबन की शिकायत मिली सही
जानकारी के मुताबिक, इन पर आपसी मिलीभगत से लगभग साढ़े तीन लाख रुपये के बीज गबन की शिकायत सही पायी गयी है. विभागीय स्तर पर करायी गयी जांच के बाद रिपोर्ट भी राज्य मुख्यालय तक पहुंच चुका है. माना जा रहा है कि इन पर आनेवाले समय में विभागीय कार्रवाई करने के साथ-साथ प्राथमिकी भी दर्ज हो सकती है.
कागजों में बंटा बीज
बताया जा रहा है कि लगभग साढ़े तीन लाख रुपये का यह बीज किसानों को बांटा जाना था. लेकिन, जिला कृषि कार्यालय के लिपिक मानिक कुमार मंडल ने कागज में ही बीज का वितरण करा दिया. वहीं, काठीकुंड प्रखंड तकनीकी प्रबंधक श्याम सुंदर सिंह ने भी बिना बीज प्राप्त किये हस्ताक्षर कर दिया. इस गड़बड़झाले में एक कृषक मित्र जर्जिस अंसारी भी संलिप्त पाया गया है. हालांकि, कृषक मित्र कोई सरकारी कर्मी नहीं होता, वह किसानों का एक प्रतिनिधि होता है. जिसके जरिये विभाग किसानों तक योजनाओं को पहुंचाने का काम करता है.
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35 क्विंटल बीज गबन करने का मामला उजागर
मिली जानकारी के मुताबिक, टारगेटेड राइस फेलो योजना के तहत किसानों को चना उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाना था. इसके लिए ऐसे चिह्नित व चयनित किसानों को मुफ्त में चने का बीज उपलब्ध कराया जाना था. 35 क्विंटल बीज बिना बंटे ही कागज में किसानों को बांट दिया गया. इस चने के बीज की कीमत 95 रुपये प्रति किलो थी. ऐसे में लगभग 3 लाख 32 हजार रुपये के बीज को ये तीनों मिलकर डकार गये.
Posted By: Samir Ranjan.