नहर क्षतिग्रस्त होने से पटवन प्रभावित
नहर क्षतिग्रस्त होने से पटवन प्रभावित
प्रतिनिधि, रानीश्वर मयुराक्षी बायांतट मुख्य नहर में नुड़ुईबाथान गांव के समीप लिकेज हो जाने से जलापूर्ति बाधित हो गई है. प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए नहर में पानी छोड़ने पर रोक लगा दी है. मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद ही पानी की आपूर्ति बहाल की जायेगी. यह कोई पहली बार नहीं है जब इस स्थान पर नहर क्षतिग्रस्त हुई है. इससे पहले भी कई बार लीकेज की समस्या सामने आई है, जिसे मरम्मत कर ठीक किया गया था. लेकिन बार-बार हो रही टूट-फूट से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. महज कुछ दिनों पहले, 24 जनवरी को ही नहर में पानी छोड़ा गया था , लेकिन लीकेज के कारण इसे रोकना पड़ा. ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ गयी है, क्योंकि इन दिनों सिंचित इलाकों में गरमा धान की रोपाई जोरों पर है . यदि मरम्मत में अधिक देरी हुई तो फसल की पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. सिंचित इलाकों में गरमा धान की रोपाई तेज रानीश्वर प्रखंड के विभिन्न सिंचित इलाकों में किसानों ने गरमा धान की रोपाई तेज कर दी है . बोराडंगाल गांव के किसान सयन साहा ने बताया कि ठंड कम होते ही उन्होंने रोपाई शुरू कर दी है. किसानों के अनुसार, जब ठंड कम होने लगती है और गरमी की शुरुआत होती है, तो धान के पौधों की ग्रोथ अच्छी होती है. यदि कड़ाके की ठंड में रोपाई की जाती है तो पौधों के पत्ते सिकुड़ जाते हैं, जिससे उनकी वृद्धि प्रभावित होती है. मयुराक्षी बायांतट मुख्य नहर, बड़ा नदी, कैराबनी आदि सिंचित क्षेत्रों के किसान गरमा धान की रोपाई के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रहे हैं. खरीफ फसल की तुलना में गरमा धान की पैदावार अधिक होती है, जिससे किसानों को बेहतर लाभ मिलता है. अब किसानों को उम्मीद है कि नहर की मरम्मत जल्द पूरी होगी और जल आपूर्ति फिर से शुरू की जायेगी, ताकि उनकी मेहनत बेकार नहीं जाये.
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