Loading election data...

Jama Vidhan Sabha: शिबू सोरेन और दुर्गा सोरेन के बाद सीता मुर्मू 3 बार बनीं जामा की विधायक

Jama Vidhan Sabha: जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन और उनके बड़े बेटे दुर्गा सोरेन के बाद सीता मुर्मू सोरेन जामा (एसटी) सीट से लगातार 3 बार विधायक चुनी गईं.

By Mithilesh Jha | September 17, 2024 10:36 AM
an image

Jama Vidhan Sabha|Jharkhand Assembly Election|झारखंड के दुमका जिले में जामा विधानसभा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. यहां संताल और पहाड़िया समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 50 फीसदी है. अन्य पिछड़ी जाति के 25 फीसदी लोग इस विधानसभा क्षेत्र में रहते हैं. शेष अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग के लोग हैं. जामा विधानसभा क्षेत्र में 2 प्रखंड जामा और रामगढ़ आते हैं. यहां कुल वोटर्स की संख्या 222411 (2 लाख 22 हजार 411) है. पुरुष मतदाताओं की संख्या 109192, महिलाओं की 113218 और 1 थर्ड जेंडर वोटर हैं.

जामा को माना जाता है झामुमो का गढ़

जामा (एसटी) विधानसभा झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) का गढ़ माना जाता है. इसकी बड़ी वजह भी है. यहां से जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन और उनके पुत्र दुर्गा सोरेन विधायक रह चुके हैं. पिछले 3 विधानसभा चुनावो‍ं से शिबू सोरेन की बड़ी पुत्रवधू सीता सोरेन यहां से विधायक चुनीं गईं. लोकसभा चुनाव 2024 के पहले सीता सोरेन ने जेएमएम छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया. बीजेपी के टिकट पर उन्होंने लोकसभा का चुनाव भी लड़ा.

2019 में सीता सोरेन ने सुरेश मुर्मू को पराजित किया

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में झामुमो के टिकट पर शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता मुर्मू सोरेन मैदान में थीं. उनके खिलाफ बीजेपी ने सुरेश मुर्मू को उतारा था. सीता मुर्मू सोरेन को 60925 (42.43 प्रतिशत) वोट मिले. वह लगातार तीसरी बार विधायक बनीं. भाजपा के सुरेश मुर्मू 40.74 प्रतिशत वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे. इस चुनावी वर्ष में जामा विधानसभा सीट पर कुल 143591 (69.73 प्रतिशत) लोगों ने मतदान किया. कुल मतदाताओं की संख्या 205913 थी.

झारखंड विधानसभा चुनाव.

2014 में भी सीता सोरेन ने दर्ज की जीत

जामा विधानसभा सीट पर वर्ष 2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो की सीता मुर्मू ने फिर से जीत अपने नाम की. भाजपा के सुरेश मुर्मू का दूसरे स्थान पर रहे. सीता मुर्मू को 53250 (39.80 प्रतिशत) वोट मिले और सुरेश मुर्मू को 50944 (38.08 प्रतिशत) मतदाताओं का समर्थन मिला. इस चुनावी में कुल मतदाताओं की संख्या 156222 थी. इसमें 133776 यानी 71.47 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट किया.

2009 में पहली बार सीता सोरेन ने जामा से लड़ा विधानसभा चुनाव

जामा निर्वाचन क्षेत्र से झामुमो की सीता सोरेन ने वर्ष 2009 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा. उन्होंने जीत अपने नाम की. सीता सोरेन को 38550 (29.33 प्रतिशत) वोट मिले. अपने पहले विधानसभा चुनाव में शिबू सोरेन की बड़ी बहू ने बीजेपी के उम्मीदवार मनोज कुमार सिंह को पराजित किया. मनोज कुमार सिंह को 25844 (26.37 प्रतिशत) वोट मिले. जामा विधानसभा क्षेत्र में इस वर्ष कुल 98012 (60.16 प्रतिशत) लोगों ने मतदान किया. कुल मतदाताओं की संख्या 162923 थी.

2005 में पलट गई थी बाजी, बीजेपी से हार गए दुर्गा सोरेन

वर्ष 2005 में पहली बार झारखंड में विधानसभा के चुनाव हुए. जामा (एसटी) सीट पर भाजपा ने बाजी पलट दी. भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सुनील सोरेन ने बड़ा उलटफेर कर दिया. सुनील सोरेन ने झारखंड के सबसे पावरफुल परिवार के बड़े बटे को यहां पराजित कर दिया. शिबू सोरेन के बेटे दुर्गा सोरेन झारखंड गठन के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में हार गए. सुनील सोरेन को 44073 वोट मिले. झामुमो के दुर्गा सोरेन को 37443 वोट मिले. वर्ष 2005 में जामा (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र में 95308 लोगों ने मतदान किया.

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में किसको कितनी सीटें मिलीं

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को सबसे ज्यादा 30 सीटें मिलीं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दूसरे नंबर पर रही. उसे 25 सीटों पर जीत मिली. किस पार्टी को इस चुनाव में कितनी सीटें मिलीं, पूरा विवरण यहां देखें-
झामुमो – 30
भाजपा – 25
कांग्रेस – 16
जेवीएम – 03
आजसू – 02
निर्दलीय – 02
एनसीपी – 01

झारखंड विधानसभा चुनाव 2005 में किस पार्टी के कितने विधायक थे

वर्ष 2005 के झारखंड विधानसभा चुनाव में 11 पार्टियों के 81 सदस्य विधानसभा पहुंचे थे. सबसे ज्यादा 30 सदस्य भाजपा के थे. झामुमो के 17, कांग्रेस के 9, राजद के 7 और जदयू के 6 सदस्य निर्वाचित हुए थे. फॉरवर्ड ब्लॉक के, यूजीडीपी और आजसू के 2-2 उम्मीदवार जीतकर विधानसभा पहुंचे. एनसीपी, भाकपा माले और जेकेपी 3 ऐसी पार्टियां थीं, जिनके 1-1 सदस्य विधानसभा चुनाव 2005 में जीत पाए. इस बार 3 निर्दलीय उम्मीदवार भी जीत दर्ज करने में कामयाब रहे.

शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन ने पहली बार कब लड़ा विधानसभा चुनाव

जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन ने पहली बार वर्ष 2009 में विधानसभा का चुनाव लड़ा. उन्होंने जामा (एसटी) सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. शिबू सोरेन के बाद उनके बड़े बेटे दुर्गा सोरेन ने भी जामा विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व किया. दुर्गा सोरेन के निधन के बाद सीता सोरेन की राजनीति में एंट्री हुई और वह लगातार तीन बार जामा विधानसभा की विधायक बनीं.

कौन हैं सीता सोरेन जिन्होंने लगातार 3 बार जीता जामा विधानसभा का चुनाव

सीता मुर्मू सोरेन झारखंड की राजनीति के सबसे पावरफुल परिवार की बहू हैं. वह शिबू सोरेन की बड़ी पुत्रवधू और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी हैं. लगातार 3 बार जामा (एसटी) विधानसभा की विधायक रह चुकीं सीता सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) से किनारा कर लिया है.

दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता मुर्मू सोरेन किस पार्टी में हैं

झारखंड मुक्ति मोर्चा के सर्वोच्च नेता शिबू सोरेन के बड़े बेटे दुर्गा सोरेन दिशोम गुरु के बाद पार्टी के सबसे बड़े नेता थे. असमय उनके निधन के बाद उनकी पार्टी सीता मुर्मू सोरेन ने राजनीति में कदम रखा. लगातार 3 बार जामा (एसटी) सीट से विधानसभा के लिए चुनी गईं. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उन्होंने अपने ससुर, पति और परिवार की पार्टी जेएमएम से किनारा कर लिया. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सदस्यता ले ली और दुमका लोकसभा का चुनाव भी लड़ा. अभी सीता मुर्मू सोरेन बीजेपी में हैं.

Jharkhand assembly election 2024 date

झारखंड में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा के चुनाव होने की उम्मीद है. निर्वाचन आयोग की ओर से Jharkhand assembly election 2024 date की घोषणा जल्द की जाएगी. संभवत: अक्टूबर में इसकी घोषणा हो जाएगी. 2019 में हरियाणा और महाराष्ट्र के साथ झारखंड विधानसभा चुनाव हुए थे. इस बार हरियाणा के साथ झारखंड विधानसभा चुनाव नहीं कराए जा रहे.

Also Read

Jharkhand Assembly Election: भाजपा ने लगातार 3 बार जीता राजमहल, अनंत ओझा 2 बार बने विधायक

झामुमो का अभेद्य किला है बरहेट, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं यहां से विधायक

लिट्टीपाड़ा में 44 साल से अपराजेय झामुमो, शुद्ध पेयजल को आज भी तरस रहे लोग

घाटशिला विधानसभा सीट पर कांग्रेस को हराकर झामुमो ने गाड़ा झंडा, भाजपा को हराकर जीते रामदास सोरेन

Exit mobile version