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Jharkhand election 2024: इस विधानसभा सीट पर रहा है निर्दलीयों का रहा है दबदबा, बाबा बासुकिनाथ मंदिर पर टिकी है यहां की अर्थव्यवस्था

जरमुंडी विधान सभा क्षेत्र 1962 में स्वतंत्र अस्तित्व में आया. इस विधान सभा क्षेत्र में लोगों का मुख्य पेशा खेती है

  • 1962 में यह विधानसभा आया स्वतंत्र अस्तित्व में, अब तक 15 टर्म हुए चुनाव
  • सारवां और सोनारायठाढ़ी के वोटर होते हैं डिसाइडिंग फैक्टर
  • श्रीकांत झा ने लगायी थी हैट्रिक

Jarramundi Vedhansabha|Jharkhand election 2024|लीलानंद झा, सारवां: एकीकृत बिहार में संतालपरगना का जरमुंडी विधान सभा क्षेत्र 1962 में स्वतंत्र अस्तित्व में आया. इस विधान सभा क्षेत्र में लोगों का मुख्य पेशा खेती है. कल-कारखाना नहीं रहने के कारण आज भी यह क्षेत्र काफी पिछड़ा हैं. बाबा बासुकिनाथ मंदिर पर यहां की अर्थव्यवस्था टिकी है. आजादी के बाद जिस प्रकार अन्य विधानसभा का विकास हुआ, अगर तुलना करें तो आज भी यह क्षेत्र कदमताल कर रहा है. इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है. झारखंड निर्माण के बाद युवाओं में आस जगी थी, अब सपने साकार होंगे लेकिन समस्या और बढ़ गयी है, इस कारण युवा नौकरी की तलाश में अन्य राज्यों में पलायन को मजबूर हैं.

सर्वाधिक छह बार निर्दलीय ही जीते

सूत्रों की मानें तो 1962 से लेकर अब तक 15 विधानसभा चुनाव हुए हैं. इसमें छह टर्म निर्दलीय, छह टर्म कांग्रेस, दो टर्म भाजपा, एक टर्म झामुमो प्रत्याशी विधायक निर्वाचित हो चुके हैं. इसे क्षेत्र का सौभाग्य कहें कि विधान सभा क्षेत्र से हरिनारायण राय व बादल पत्रलेख राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं. इसके पूर्व जब जरमुंडी विधानसभा अस्तित्व में नहीं आया था, तब 1952 में झापा से चुनका हेंब्रम, 1952 में ही सामान्य सीट पर जगदीश नरायण मंडल, 1957 में एसटी सीट से बैंजामीन हांसदा ने इस सीट पर परचम लहराया था. क्षेत्र के लोगों ने प्रत्येक चुनाव में उच्च शिक्षा के साथ नये प्रखंड बनाने की मांग करते रहते हैं. इस क्षेत्र का इतिहास रहा है कि हर बार यहां के मतदाता अपना विधायक बदलते रहे हैं लेकिन देंवेंद्र कुंवर, हरिनारायण राय और बादल पत्रलेख ने जनता का विश्वास जीत कर इस मिथक को तोड़ा है. इस सीट से कांग्रेस, भाजपा व निर्दलीय के बीच टक्कर रहा है.

जरमुंडी से कब कौन जीते

वर्षजीते हुए उम्मीदवार के नामपार्टी के नाम
1962 श्रीकांत झा कांग्रेस
1969 श्रीकांत झा कांग्रेस
1972 श्रीकांत झा कांग्रेस
1977दीपनाथ राउत निर्दलीय
1980जवाहर सिंहनिर्दलीय
1985अभयकांत प्रसादभाजपा
1987सनाथ राउतनिर्दलीय
1990जवाहर सिंहनिर्दलीय
1995देवेंद्र कुंवर झामुमो
2000देवेंद्र कुंवरभाजपा
2005हरिनारायण राय निर्दलीय
2009हरिनारायण राय निर्दलीय
2014बादल पत्रलेख कांग्रेस
2019बादल पत्रलेख कांग्रेस

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