Jharkhand Assembly By-Election 2020 : झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने दुमका उपचुनाव को क्यों बताया राजा-रंक की लड़ाई
Jharkhand Assembly By-Election 2020 : दुमका (आनंद जायसवाल) : आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सह पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने अपनी पार्टी के प्रमंडलीय कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह चुनाव चर्चा का विषय बना हुआ है. इसलिए नहीं कि यह महज उपचुनाव है, बल्कि इसलिए कि यहां के जनादेश का त्याग किया गया. यह त्याग राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया है और जो चुनौती उन्होंने पेश की है, वह चुनौती भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी और कार्यकर्ताओं की नहीं, जनता के लिए है.
Jharkhand Assembly By-Election 2020 : दुमका (आनंद जायसवाल) : आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सह पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने अपनी पार्टी के प्रमंडलीय कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह चुनाव चर्चा का विषय बना हुआ है. इसलिए नहीं कि यह महज उपचुनाव है, बल्कि इसलिए कि यहां के जनादेश का त्याग किया गया. यह त्याग राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया है और जो चुनौती उन्होंने पेश की है, वह चुनौती भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी और कार्यकर्ताओं की नहीं, जनता के लिए है.
सुदेश महतो ने कहा कि यह चुनौती उस जनता के लिए है जिसने उन्हें अपना जनप्रतिनिधि चुना, मुख्यमंत्री बनाने का काम किया. सुदेश ने कहा कि राजतंत्र से बाहर आकर लोकतंत्र की स्थापना हुई थी, लेकिन यहां लोकतंत्र के अंदर ही राजतंत्र प्रारंभ हो गया है. यह लड़ाई राजा और रंक की है. इसे जनता को अपनी लड़ाई माननी चाहिए. उनकी यह लड़ाई राजा के साथ है. राजसत्ता के साथ है. उन्होंने कहा कि जो परिवार कई बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज रहा, वह आज हिसाब देने के बजाय डॉ लुईस मरांडी से हिसाब मांग रहा है. जो सांसद-विधायक रहा, केंद्र में कोयला मंत्री रहा, हिसाब उसे भी देना चाहिए.
सुदेश महतो ने कहा कि एनडीए ने विकास की जो रफ्तार दी थी, वह वर्ष 2000 से पहले कभी नहीं दिखी थी. दुमका को उपराजधानी का दर्जा देने से लेकर पुल-पुलिया और विकास के सारे मानक-सारी चिंतायें एनडीए ने की. सारा काम एनडीए ने किया. आज इस सरकार में दस महीने गुजर गये, कुछ किया होता तो जनता याद रखती. दस महीने में इन्होंने कुछ नहीं किया. उन्होंने झामुमो से सवाल करते हुए कहा कि सरकार बनाने के पहले ये लोग कहते थे कि अपनी सरकार होगी, तो केंद्र के भरोसे नहीं रहेंगे, पर नौ-दस महीने से केवल केंद्र को कोस रहे हैं.
आरक्षण के सवाल पर पिछली सरकार ने कमिटी बनायी थी, पर इस सरकार ने कुछ नहीं किया. घोषणा की थी, दस महीने में किसी को आरक्षण नहीं मिला. सत्ता में आने से पहले यह भी कहा था कि 25 करोड़ तक का काम स्थानीय संवेदक करेंगे. किसी को ठेका नहीं मिला. आश्वासन-घोषणा के अनुरूप पारा शिक्षक-आंगनबाड़ी सेविकाओं का स्थायीकरण भी नहीं किया. एक दुमका उपराजधानी को सजा नहीं सके, दूसरी और उपराजधानी बनाने की बात कह रहे.
सुदेश ने कार्यकर्ताओं में जोश का संचार करते हुए कहा कि पिछले चुनाव का परिणाम मत विभाजन की वजह से एनडीए के पक्ष में नहीं रहा. तकरीबन पचास लाख वोट भाजपा को और 12 लाख वोट आजसू पार्टी को मिले थे. इतने वोट सरकार चलाने वाले को नहीं मिले थे. सरकार चलाने वाले को 28 लाख वोट मिले थे. आजूस कार्यकर्ताओं की जवाबदेही है कि वे इस उपचुनाव में जीत सुनिश्चित कराने में जी-जान से जुटें. कार्यक्रम में एनडीए प्रत्याशी डॉ लुईस मरांडी, आजसू के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत, उपाध्यक्ष जोनाथन टुडू, प्रमंडलीय सचिव अजय कुमार सिंह, माधवचंद्र महतो, जिला अध्यक्ष मनोज सिंह मेलर, राजू गुप्ता, ललन मिश्रा आदि मौजूद थे.
Posted By : Guru Swarup Mishra