jharkhand by election : हेमंत ने केंद्र सरकार पर फिर लगाया सौतेलापूर्ण व्यवहार का आरोप, कहा- भाजपाइयों को खदेड़ेंगे
हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर फिर लगाया सौतेलापूर्ण व्यवहार का आरोप
दुमका : राज्य के मुख्यमंत्री सह झारखंड मुक्ति मोरचा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि हमारे 50 विधायक हैं. इस उपचुनाव से सरकार तो गिरेगी नहीं, पर जनता के निर्णय से भाजपाइयों को और जोर से लाठी-डंडा से खदेड़ेंगे. श्री सोरेन ने दुमका के लखीकुंडी में एक चुनावी जनसंपर्क में ये बातें कही.
उन्होंने कहा : झारखंड बनने के 20 साल के दौरान हमने पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी है. अभी राज्य में दो विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हो रहा है. इस चुनाव से सरकार पर कोई असर नहीं पड़ना है. सरकार तो गिरेगी नहीं, दोनों उपचुनाव जीतेंगे, तो सरकार को और मजबूती मिलेगी. और जोर से हम इन भाजपाइयों को लाठी-डंडा से खदेड़ने का काम करेंगे. श्री सोरेन ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का मजबूत हथियार है.
यह ऐसी ताकत है, जिसमें एक वोट से कोई चुनाव जीतता-हारता है. जनता समझायेगी कि इस राज्य में अब भाजपाइयों की नहीं, झारखंडियों की, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की चलेगी. उन्होंने हर बूथ पर गठबंधन के प्रत्याशी को एक नंबर पर रखने की बात कही, ताकि पूरे परिणाम में भी पार्टी पहले नंबर पर रहे.
श्री सोरेन ने केंद्र सरकार पर सौतेलापूर्ण व्यवहार का आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड की सरकार हक-अधिकार की मांग कर रही है, तो केंद्र की सरकार विकास की गति रोकने के लिए पैसा झारखंड के खाते से सीधे काट कर अपने खाते में ले रही है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि हमें अपनी लड़ाई तो लड़नी ही है. राजनीतिक लड़ाई भी लड़नी है. आंदोलन भी करना है. श्री सोरेन ने दुमका ग्रामीण के इलाकों के कई और गांवों में जनसंपर्क के क्रम में लोगों को संबोधित किया.
झामुमो को किसी बॉरो नेता की जरूरत नहीं :
इससे पूर्व सोमवार देर शाम उपराजधानी दुमका पहुंचे श्री सोरेन ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को अपने लिए किसी बॉरो नेता की जरूरत नही है. जनता को दिग्भ्रमित करने वाले और उनकी आंखों में पट्टा डालने वाली बात करने वाले नेताओं से बचाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि विपक्ष के बड़े-बड़े नेता व हीरो-हिरोइन भी आयेंगे. झारखंड मुक्ति मोर्चा को बड़े-बड़े नेताओं और हीरो हीरोइन की जरूरत नहीं है. इस राज्य के हीरो भी हम ही लोग हैं, हीरोइन भी हम ही लोग हैं. श्री सोरेन बुधवार व गुरुवार को बेरमो में सभा को संबोधित करने जायेंगे.
चुनाव प्रचार में उतरे शिबू सोरेन
रांची : दुमका व बेरमो में तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव में प्रचार के लिए झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन उतर गये हैं. श्री सोरेन मंगलवार को हेलीकॉप्टर से दुमका पहुंचे. उन्होंने अपने आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों से मुलाकात की. पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने बताया कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन फिलहाल दुमका में ही कैंप कर पार्टी प्रत्याशी बसंत सोरेन के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे. उन्होंने कहा कि दुमका गुरुजी की कर्मभूमि रही है. इस बार भी पार्टी प्रत्याशी को जनता का स्नेह मिलेगा. गठबंधन प्रत्याशी दोनों सीट पर जीत दर्ज करेंगे.
हमने डीवीसी को किया था 13000 करोड़ भुगतान : रघुवर
बिहार में चुनावी जनसभाओं को संबोधित करने के उपरांत मंगलवार को दुमका पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के उन बयानों पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि पूर्ववर्ती सरकार ने डीवीसी को भुगतान नहीं किया था, जिसकी वजह से झारखंड की डीवीसी पर इतनी देनदारी बढ़ गयी थी. रघुवर ने कहा कि जब वे मुख्यमंत्री बने थे, तब भी पांच हजार करोड़ रुपये का बकाया था.
उन्होंने अपनी सरकार में कुल 13000 करोड़ रुपये का भुगतान डीवीसी को किया. 6000 करोड़ रुपये का भुगतान डीवीसी को उदय भारत योजना के तहत किया था, जबकि शेष सात हजार करोड़ रुपये का भुगतान किस्तों में किये जाते रहे. उन्होंने हेमंत के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया है और कहा है कि हेमंत सोरेन हर मोरचे पर विफल रहे हैं और सरकार चलाना उनके बूते की बात नहीं है.
सीएम रह 10 महीने में कुछ नहीं दिया, भाई विधायक बन कर क्या दिला पायेगा?
रघुवर दास ने कहा कि हेमंत सोरेन को जिस दुमका की जनता ने जीता कर मुख्यमंत्री बनाया, उस जनता के लिए सीएम बनने के बाद 10 महीने में एक भी काम नहीं किया. वादे के तहत न आरक्षण बढ़ाया न बेरोजगारी भत्ता दिया. पहले भी गुमराह कर वोट लिया. अब फिर गुमराह कर रहे हैं. इस बार हेमंत अपने भाई के लिए वोट मांगने आये हैं.
जब सीएम रह कर हेमंत ने खुद कुछ नहीं किया, तो उनके भाई विधायक बनेंगे, तो क्या कर पायेंगे. रघुवर ने कहा कि सोरेन परिवार नहीं चाहता कि संताल परिवार के युवा डॉक्टर बनें. तीनों मेडिकल कॉलेजों में नामांकन पर रोक लगना सरकार की नाकामी है. जिस हाथी उड़ान की यह सरकार खिल्ली उड़ा रही, उसी के तहत स्थापित किशोर एक्सपोर्ट के प्लांट में 22 युवतियों को नियोजित कर अपनी पीठ थपथपा रही है.
posted by : sameer oraon