Jharkhand news: दुमका के गांधी मैदान में JMM का 43वां स्थापना दिवस आयोजित हुआ. इस मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि समाज के अंतिम पायदान में बैठे व्यक्ति को उसके दरवाजे पर उसका हक और अधिकार देने का काम राज्य सरकार कर रही है. वहीं, समाज के सभी वर्ग और तबके के हित में कार्य योजनाएं भी बनायी जा रही है.
सीएम श्री सोरेन ने कहा कि पिछले 100 सालों से झारखंड की खनिज संपदाओं का लूटा जा रहा है. हमारी सरकार केंद्र से वाजिब हिस्सा मांग रही है, ताकि इस राज्य की मजबूत नींव रखी जा सके. यदि लड़ियेगा नहीं, तो यहां के लोगों को उनका वाजिब हक और अधिकार मिलने वाला नहीं है. उन्होंने केंद्र के बजट को गरीब व किसान विरोधी बताया. राज्य की पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में किये गये कार्यों को राज्य के आदिवासी, मूलवासी और गरीब विरोधी करार देते हुए खजाने की लूट खसोट करने का आरोप लगाया. उन्होंने कोराना महामारी और खास्ता हाल अर्थव्यवस्था के बावजूद राज्य में दो वर्ष के दौरान गरीबों की धोती-साड़ी, सभी वृद्ध और विधवाओं के लिए पेंशन की सुविधा सहित अन्य जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू किये जाने के मसले पर विस्तार से चर्चा की.
उन्होंने कहा कि यह आपकी सरकार है. ऐसे में आपको आपका हक, अधिकार और सम्मान हर हाल में मिलेगा. आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से राज्य के हर एक पंचायत में शिविर लगाकर लोगों की समस्याओं का ऑन द स्पॉट समाधान करने के साथ उन्हें सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का कार्य सफलतापूर्वक किया गया. हमारी सरकार आपको आपके दरवाजे पर आकर आपके हक और अधिकार देने का काम कर रही है. राज्यवासियों के सहयोग से हम विकास को समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को पहुंचाने में कामयाब हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि दुनिया में महामारी का प्रकोप अभी भी जारी है. इस महामारी के दौर में सरकार ने कई कार्य किये हैं, जो झारखंड राज्य अलग होने के बाद भी कभी नहीं हुआ था. सरकार ने भय के माहौल को दूर करते हुए सामान्य जनजीवन बनाने का कार्य किया है, ताकि यहां के लोग अमन-चैन के साथ रह सके. गरीब, किसान व मजदूर का जीवन यापन बेहतर ढंग से हो सके, इसके लिए सरकार द्वारा कई कार्य किये गये हैं. मनरेगा व बिरसा हरित ग्राम योजना सहित कई कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जरूरतमंद को जरूरत भर का रोजगार विषम परिस्थिति में उपलब्ध कराया गया है, ताकि वे बेहतर ढंग से जीवन यापन कर सकें. आज पूरे देश में झारखंड राज्य की चर्चा हो रही है.
मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि कोरोना के दौरान जब झारखंड के मजदूर-श्रमिक देशभर के अलग-अलग हिस्से में फंसे थे, तब हमारी सरकार ने उनलोगों को हवाई जहाज से अपने गांव वापस लाया था, जिनके पैरों में हवाई चप्पल तक नहीं थे, क्योंकि यह भाजपा की नहीं, जनता की सरकार थी. आज भय सता रहा है कि वे लोग युवाओं का शायद ट्रेन में चढ़ने का भी अवसर न छोड़ेंगे. पता नहीं क्या होगा.
उन्होंने कहा कि यहां के गरीब अपने अधिकार के लिए परेशान रहते थे. लेकिन उन्हें उनका अधिकार नहीं मिल पाता था. हमने प्रधानमंत्री से सभी बुजुर्गों-विधवाओं के लिए यूनिवर्सल पेंशन की मांग रखी थी. लेकिन उसपर कोई पहल नहीं की गयी. ऐसे में हमारी सरकार ने अपने बलबूते गुरुजी के सपनों को पूरा करते हुए यूनिवर्सल पेंशन देने का काम किया. राज्य के सभी विधवाओं, बुजुर्गों व दिव्यांगजनों को यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के तहत पेंशन दी जा रही है. राज्य सरकार ने आपके अधिकार, आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से वंचितों तक पहुंच कर उन्हें उनका अधिकार देने व कल्याणकारी योजना से आच्छादित करने का कार्य किया.
Also Read: Jharkhand news: तपकारा गोलीकांड के शहीदों को दी गयी श्रद्धांजलि, जल, जंगल और जमीन की रक्षा का लिया संकल्पउन्होंने कहा कि सरकार ने यहां के गरीबों को ध्यान में रखते हुए पेट्रोल पर प्रति लीटर 25 रुपये की दर से अधिकतम 10 लीटर प्रति महीने सब्सिडी देने का वादा किया. 26 जनवरी से इसको लांच भी किया. आज एक लाख से अधिक बाइक चलाने वाले गरीब तबके के लोगों को इसका लाभ पहुंच चुका है. यह योजना हमारे सरकार की गरीबों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है. इतना ही नहीं, आज गरीब आदिवासी का बच्चा भी विदेशों में पढ़ सकता है. ऐसे बच्चों की पढ़ायी पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. विदेश के उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों में पढ़कर आदिवासी बच्चे भी इंजीनियर-डॉक्टर बन पायेंगे.
सीएम श्री सोरेन ने कहा कि मसानजोर डैम से केवल बंगाल को पानी देने का सपना पूरा हुआ. झारखंड टुकुर-टुकुर देखता था. हमें खैरात में एक कैनाल मिला था, वह भी मिट्टी का जो अक्सर जहां-तहां भसक जाता था. हमने गांठ बांध रखा था कि जब भी अवसर मिलेगा, सपनों को पूरा करेंगे. पहली बार जब कम समय के लिए अवसर मिला था, तब हमारी सरकार ने बायां तट नहर की लाइनिंग का काम कराया था. अब इस बार सरकार ने जो मेगा लिफ्ट प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी है. इससे रानीश्वर, मसलिया, नाला, फतेहपुर को हरा-भरा देखने का सपना पूरा होगा.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार शिक्षक, खेल शिक्षक, इंजीनियर और चिकित्सक की नियुक्ति बड़े पैमाने पर करने जा रही है. उन्होंने कहा : धरातल पर काम करते हैं, तब बोलते हैं. मेडिकल कॉलेज विरासत में मिला था, जिसे भाजपा ने आधा-अधूरा में ही उद्घाटन करा लिया था. दाखिला भी ले लिया, जबकि कॉलेज पूर्ण रूप से तैयार नहीं था. संसाधनों की कमी से दूसरे साल मान्यता नहीं मिली, यहां सरकार भाजपा की नहीं थी. एडमिशन बंद करा दिया. आश्चर्य की बात तो यह थी कि न कॉलेज का भवन पूरा बना था, न प्रोफेसर थे और न आवश्यक संसाधन. दो साल पहले 25 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ था. तब मान्यता दे दी गयी थी. अब जब 90 प्रतिशत काम हुआ तो बहुत हाथ-पांव जोड़कर एडमिशन के लिए अनुमति दिलानी पड़ी.
Also Read: धालभूमगढ़ और बोकारो एयरपोर्ट को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्री से मिले बीजेपी सांसद व विधायक, मिला आश्वासनझारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि राज्य में खनिज संपदा की प्रचूर उपलब्धता है. कोयला, लोहा, अबरख, लकड़ी, जंगल, खनिज सबकुछ है, फिर भी विकास क्यों नहीं हो रहा है. करना सरकार और सरकारी अधिकारी को ही है. इसके लिए रास्ता ढूंढ़ना पड़ेगा. शिबू सोरेन ने कहा : खनिज संपदा को लेकर अपने कंट्रोल में झारखंड में काम करेंगे, तो राज्य का विकास होगा. हमलोग हर बात में, हर वक्त केंद्र के कंट्रोल में चल रहे हैं, ठीक है. चलना उचित है, यह तो नियम बना है. लेकिन ऐसा कब तक चलेगा. खनिज-संपदा रहनेे के बाद भी झारखंड का विकास नहीं हो, रोजगार नहीं मिले, यह तो अन्याय है कि हमारे बच्चों को कुछ नहीं मिले. यह कब तक चलेगा. इसे लेकर जल्द विचार करना होगा. नहीं तो साल बीतता जायेगा. युवा, बूढ़े हो जायेंगे और बीमारी-महामारी से नहीं मर जायेंगे.
झामुमो स्थापना दिवस के मौके पर विधायक नलिन सोरेन, सीता सोरेन और बसंत सोरेन ने भी संबोधित किया. वहीं, कार्यक्रम का संचालन केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह ने किया. इस अवसर पर केंद्रीय नेताओं में महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, विनोद पांडेय, प्रवक्ता अभिषेक कुमार पिंटू, जिला परिषद् अध्यक्ष जॉयस बेसरा आदि मौजूद थे.
रिपोर्ट : आनंद जायसवाल, दुमका.