Jharkhand News : जांच नहीं करायी गयी होती, तो दुमका में सामने आता फिर अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला, पढ़िए कैसे हुआ खुलासा

Jharkhand News, Dumka News, दुमका न्यूज : झारखंड में अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति भुगतान में हुई बड़े पैमाने पर अनियमितता की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो कर ही रही है, लेकिन इसमें किस तरह से अनियमितताएं गत वर्षों में होती रही होंगी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिला प्रशासन ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के भुगतान से पहले जब जांच करायी, तो पाया गया कि महज 13 प्रतिशत छात्र ही सही हैं, जिन्होंने आवेदन किये थे. शेष 87 प्रतिशत छात्र फर्जी हैं. अगर जांच नहीं होती तो दुमका जिले में इस बार भी 5008 फर्जी लोगों के खाते में भुगतान हो गया होता.

By Prabhat Khabar News Desk | February 20, 2021 1:17 PM

Jharkhand News, Dumka News, दुमका न्यूज : झारखंड में अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति भुगतान में हुई बड़े पैमाने पर अनियमितता की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो कर ही रही है, लेकिन इसमें किस तरह से अनियमितताएं गत वर्षों में होती रही होंगी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिला प्रशासन ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के भुगतान से पहले जब जांच करायी, तो पाया गया कि महज 13 प्रतिशत छात्र ही सही हैं, जिन्होंने आवेदन किये थे. शेष 87 प्रतिशत छात्र फर्जी हैं. अगर जांच नहीं होती तो दुमका जिले में इस बार भी 5008 फर्जी लोगों के खाते में भुगतान हो गया होता.

मिली जानकारी के मुताबिक, दुमका जिले में अल्पसंख्यक वर्ग के 71 संस्थानों के 5757 छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया था, पर जब इन आवेदनों को भुगतान के लिए एप्रूवल देने से पहले पूर्व के वर्षों में हुई गड़बड़ी को देखते हुए जांच करायी गयी तो 765 छात्रों का सत्यापन नहीं हो पाया. मतलब ये छात्र फर्जी थे. अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों को केंद्र सरकार तीन तरह की छात्रवृत्ति प्रदान करती है. एक तो प्री-मैट्रिक, दूसरा पोस्ट मैट्रिक तथा तीसरा मैरिट कम मिंस. प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति दसवीं तक के छात्रों को, पोस्ट मैट्रिक दसवीं उतीर्ण छात्रों को तथा मैरिट कम मिंस ऐसे छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है, जो राज्य से बाहर अध्ययन कर रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्री मैट्रिक के लिए आवेदन करने वाले 4628 में से महज 47 सत्यापित हुए. जबकि पोस्ट मैट्रिक में 1121 में से 718 ही. मैरिट कम मिंस में सभी आठ आवेदन करने वाले छात्र सत्यापित हुए हैं.

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जिला प्रशासन ने छात्रवृत्ति की जांच दो स्तर पर करायी थी. पहले तो प्रखंड के कल्याण विभाग के शिक्षकों के स्तर पर जांच करायी गयी थी. दूसरे स्तर पर जांच प्रखंड विकास पदाधिकारी से करायी गयी थी. रिपोर्ट में पांच हजार से अधिक छात्र दर्शाये गये संस्थान में नामांकित नहीं पाये गये, लिहाजा रिपोर्ट सरकार को भेज दी गयी है.

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जिन विद्यालयों-संस्थानों से छात्र छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करते हैं, उनके आवेदन को विद्यालय स्तर पर पहले जो भी शिक्षक एप्रूव करते थे, वह ज्यादातर अर्द्धसरकारी होते थे. पर अब सरकार ने प्रावधान कर दिया है कि संस्थानों में इंस्टीट्यूट नॉडल आफिसर सरकारी शिक्षक ही रहेगा, ताकि ऐसी गड़बड़ियों पर विराम लगे.

छात्रवृति-आवेदन की संख्या-सही पाये गये

प्री मैट्रिक-4628-47

पोस्ट मैट्रिक-1121-718

मैरिट कम मिंस-08-00

Posted By : Guru Swarup Mishra

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