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संताल महोत्सव में आदिवासी समुदाय ने दिखायी प्रतिभा, जनजातियों में संताल समाज की संस्कृति है सबसे उत्कृष्ट

Jharkhand News, Dumka News, दुमका न्यूज : झारखंड सरकार के कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग की ओर से आयोजित 2 दिवसीय संताल महोत्सव में आदिवासी समुदाय ने अपनी प्रतिभा बिखेरी. दुमका के सिदो कान्हू इंडोर स्टेडियम में शुरू हुए इस महोत्सव में विभाग के सहायक निदेशक विजय पासवान ने जनजातीय समाज की विशिष्टता और उसकी कला-संस्कृति पर विशेष जोर दिया. श्री पासवान ने बताया कि विभाग लगातार ऐसे आयोजन के जरिये कलाकारों को मंच प्रदान करने के साथ-साथ उनकी प्रतिभा को सामने लाने और परंपरागत कला-संस्कृति को बचाये रखने में अपनी भूमिका निभा रहा है.

Jharkhand News, Dumka News, दुमका न्यूज : दुमका जिला अंतर्गत सिदो कान्हू इंडोर स्टेडियम में 2 दिवसीय संताल महोत्सव अपने परवान पर है. रविवार को शुरू हुआ उत्सव में काफी संख्या में आदिवासी समुदाय के महिला- पुरुषों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया.

झारखंड सरकार के कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग की ओर से आयोजित 2 दिवसीय संताल महोत्सव में आदिवासी समुदाय ने अपनी प्रतिभा बिखेरी. दुमका के सिदो कान्हू इंडोर स्टेडियम में शुरू हुए इस महोत्सव में विभाग के सहायक निदेशक विजय पासवान ने जनजातीय समाज की विशिष्टता और उसकी कला-संस्कृति पर विशेष जोर दिया. श्री पासवान ने बताया कि विभाग लगातार ऐसे आयोजन के जरिये कलाकारों को मंच प्रदान करने के साथ-साथ उनकी प्रतिभा को सामने लाने और परंपरागत कला-संस्कृति को बचाये रखने में अपनी भूमिका निभा रहा है.

जिला शिक्षा पदाधिकारी मसुदी टुडू ने अपने भाषण में संताल संस्कृति के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि संताल समाज में एक-दूसरे से अभिवादन के तरीके को देखकर समझा जा सकता है कि उनके बीच आपस में क्या संबंध है. उन्होंने बताया कि संताल समाज को अपनी कला-संस्कृति, भाषा और साहित्य के संवर्द्धन के लिए सजग रहना होगा. उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज की विशिष्टता ही उसकी कला-संस्कृति है, इसलिए हमें इसे खोना नहीं है.

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मौके पर मुख्य अतिथि विजय कुमार सिंह ने कहा कि जनजातियों में संताल समाज की संस्कृति सबसे उत्कृष्ट है. कई मायनों में उन्होंने अपने 50 साल के सामाजिक जीवन में इसे महसूस किया है. देखा है. उन्होंने कहा कि संताल समाज की अपनी कला-संस्कृति से जैसा लगाव है. उसे आनेवाले समय में नयी पीढ़ी को भी बरकरार रखने की जरूरत है.

संताल उत्सव में गोड्डा, जामताड़ा, साहिबगंज, पाकुड़, देवघर और दुमका सहित प्रमंडल के सभी जिले से काला दल ने अपनी कला का प्रदर्शन किया. कार्यक्रम का संचालन अशोक सिंह ने किया. वहीं, विशिष्ट अतिथि चुंडा सोरेन सिपाही, पूर्व प्रति कुलपति डॉ प्रमोदनी हांसदा ने नगाड़ा बजाकर और दीप प्रज्वलित कर इस संताल महोत्सव का आगाज किया.

इस कार्यक्रम में शिक्षक संघ के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्याम किशोर सिंह गांधी, इमानवेल सोरेन, रसिक बास्की, शैलेंद्र सिन्हा, अमरेंद्र सुमन, प्रकाश वर्मा,धर्मेंद्र कुमार मड़ैया, बबिता मुर्मू, कालीचरण हेम्ब्रम समेत अन्य लोग उपस्थित थे.

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Posted By : Samir Ranjan.

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