Jharkhand Politics: सीता सोरेन ने घर वापसी की अटकलों को किया खारिज, कहा-बीजेपी ने दिया काफी मान-सम्मान
Jharkhand Politics: बीजेपी नेत्री और जामा की पूर्व विधायक सीता सोरेन ने घर वापसी की अटकलों को खारिज करते हुए इसे अफवाह बताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उन्हें काफी मान-सम्मान दिया है. वह जहां हैं, काफी खुश हैं.
Jharkhand Politics:दुमका-दुमका सर्किट हाउस में मंगलवार को कार्यकर्ताओं से मिलने के दौरान भाजपा नेत्री और जामा की पूर्व विधायक सीता सोरेन ने घर वापसी को लेकर चल रहे सारे अटकलों पर विराम लगा दिया. मीडिया को संबोधित करते हुए भाजपा नेत्री ने कहा कि भाजपा ने उन्हें मान सम्मान दिया है तो उसे छोड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता है. उन्होंने पार्टी और परिवार के बीच परिवार को बड़ा बताते हुए कहा कि कर्म क्षेत्र में परिवार से हमेशा आशीर्वाद मिला है. उन्होंने अपने पुराने कार्यकर्ताओं को मायूसी से बचने के लिए कहा कि जरूरत के समय आप मिल सकते हैं. पांच साल के अंदर भाजपा पार्टी संगठन को मज़बूत धार देकर सशक्त बनायेंगे. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने खास रूप से उन्हें सम्मान दिया है. अब इसी पार्टी से अपनी कोई जगह बनाकर काम करेंगी. घर वापसी की अफवाह पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि आखिर यह अफवाह कैसे फैली यह मुझे नहीं पता.
बीजेपी में हैं, लेकिन सास-ससुर का है आशीर्वाद
सीता सोरेन ने कहा कि 29 फरवरी को महाकुंभ मेला जाने का कार्यक्रम निर्धारित था, लेकिन दुर्भाग्यवश हुई घटना के बाद वीआइपी प्रोटोकॉल के समाप्त होने के कारण रांची से बेटियों के साथ दुमका आ गयी. इसे आप संयोग मान सकते हैं कि उसके ठीक दूसरे दिन झामुमो का स्थापना दिवस था. राजनीति में सीता ने पार्टी और परिवार के बीच कर्म के सवालों को लेकर कहा कि कर्म और परिवार दोनों अलग-अलग विषय हैं. दोनों को अलग-अलग रूप से देखती है. परिवार से कोई अलग नहीं हो सकता. सभी कार्यक्रमों में परिवार के साथ रहकर इकट्ठे रहकर सभी सदस्य सेलिब्रेट करते हैं. वह भाजपा से हैं तो उन्हें पिता समान ससुर दिशोम गुरु शिबू सोरेन और मां समान सास रूपी सोरेन ने आशीर्वाद दिया है. उन्होंने कहा कि अपने परिवार के बीच वह पार्टी को आने नहीं देती हैं.
भाजपा ने दिया है सम्मान-सीता सोरेन
सीता सोरेन ने कहा कि भाजपा ने उन्हें सम्मान दिया है. दुमका लोकसभा सीट से हारने के बाद भी भाजपा ने जामताड़ा विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए फिर से टिकट दिया. हालांकि उन्हें दोबारा हार का सामना करना पड़ा. उनकी बेटियां साथ रहीं, लेकिन अब वह फिर खुद और पार्टी को जीत दिलाने के लिए लोगों का भरोसा जीतेंगी. इसके लिए अभी से कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच कर लोगों का भरोसा हासिल करेंगी. उनकी बेटियां भी दो-दो चुनावों में चुनावी दांवपेंच को सीख कर चुनाव लड़ने का तरीका सीख चुकी हैं.