झारखंड का एक गांव, जहां पीतल के 3 घड़ों से निकले चांदी के सिक्के, ग्रामीणों ने लूटे
गांव के समीरन साहा के एक पुराने जर्जर मकान को जेसीबी मशीन लगाकर तोड़ा जा रहा था. इसी क्रम में जमीन के नीचे से पीतल के घड़े से चांदी का सिक्का निकला. बताया जा रहा है कि चांदी के सिक्कों की लूटपाट की गयी है. इसके बाद मकान तोड़ने का कार्य बंद कर दिया गया.
रानीश्वर (दुमका). झारखंड के दुमका जिले के रानीश्वर के बिलकांदी गांव में एक पुराने मकान को तोड़ने के क्रम में पीतल के तीन घड़े से चांदी के सिक्के निकलने का मामला सामने आया है. गांव के समीरन साहा के एक पुराने जर्जर मकान को जेसीबी मशीन लगाकर तोड़ा जा रहा था. इसी क्रम में जमीन के नीचे से पीतल के घड़े से चांदी का सिक्का निकला. बताया जा रहा है कि चांदी के सिक्कों की लूटपाट की गयी है. इसके बाद मकान तोड़ने का कार्य बंद कर दिया गया.
चांदी के सिक्कों की लूट
जानकारी के अनुसार, ग्रामीणों को जैसे ही इसकी भनक लगी, तो ग्रामीण वहां जुट गये. यह भी जानकारी मिली है कि चांदी के सिक्कों की लूटपाट की गयी है. लूटपाट की घटना के बाद तत्काल जेसीबी मशीन से मकान तोड़ने का काम बंद रखा गया है. जिस पुराने मकान को तोड़ा जा रहा था. वह मकान बहुत दिनों से जर्जर स्थिति में था. उस मकान को तोड़वा कर साफ करने के लिए जेसीबी मशीन लगायी गयी थी.
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घड़े में रखा था चांदी का सिक्का
मिली जानकारी के अनुसार, चोरी होने के डर से एवं उस समय बैंकों की सुविधा नहीं रहने के कारण लोग सोने-चांदी का सिक्का सुरक्षित रखने के लिए जमीन के अंदर घड़े में भरकर गाड़ देते थे. बताया जा रहा है कि यहां भी पूर्वजों ने जमीन के नीचे घड़े में सिक्कों का रख दिया था. बताया जा रहा है कि ये सिक्के क्वीन विक्टोरिया के जमाने के हैं.