JMM Jharkhand Diwas 2025: दुमका-झारखंड के दुमका जिले के गांधी मैदान में रविवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 46वां झारखंड दिवस मनाया. इस मौके पर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन शामिल हुए. झामुमो की ओर से 50 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया. प्रस्ताव में सीएए, यूसीसी एवं एनआरसी को झारखंड से खारिज करने की मांग के अलावा संताल परगना काश्तकारी अधिनियम एवं छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम को सख्ती से लागू करने की मांग की गयी. दुमका में बिहार राज्य पुनर्गठन विधेयक 2000 की धारा 25(3) का अवलोकन करते हुए उच्च न्यायालय खंडपीठ की स्थापना करने की बात कही गयी. इन प्रस्तावों को मंच पर मौजूद सभी नेताओं ने एक स्वर से सहमति दी.
झामुमो जिलाध्यक्ष शिव कुमार बास्की ने पढ़ा प्रस्ताव
झामुमो जिलाध्यक्ष शिव कुमार बास्की ने संताल परगना समेत पूरे झारखंड की जनसमस्याओं और मूलभूत मांगों को लेकर प्रस्ताव पढ़ा. मौके पर उपस्थित जनसमूह ने डुगडुगी पीटकर प्रस्तावों और समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराने की मांग की. 50 सूत्री प्रस्तावों को स्मार-पत्र के रूप में प्रमंडलीय आयुक्त के माध्यम से सरकार को भेजने की बात कही गयी, ताकि सरकार की कार्यसूची में इसे प्राथमिकता के आधार पर दर्ज किया जाये और राज्य हित में समस्याओं का निदान किया जाये. प्रस्ताव में उपराजधानी दुमका में मिनी सचिवालय की स्थापना करने, मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय को व्यवस्थित व प्रभावी ढंग से चालू कराने और यहां ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना करने की मांग की गयी. इसके अलावा मांग पत्र में दुमका को पूर्णरूपेण उपराजधानी का दर्जा देने पर जोर दिया गया. इसके अलावा झारखंड क्षेत्र में स्पष्ट विस्थापन व पुनर्वास नीति बनाने तथा विस्थापितों को नौकरियों में प्राथमिकता देने के साथ पुनर्वास की व्यवस्था कराने की मांग गयी.
विवि और कॉलेज कर्मियों को सातवां वेतनमान मिले
झामुमो के मांग पत्र में सिदो कान्हू मुर्मू विवि के तमाम शिक्षकेतर कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ दिलाने की मांग की गयी. एक सूत्री मांग को लेकर विवि और कालेज कर्मी 70 दिनों से बेमियादी आंदोलन पर बने हुए हैं. झामुमो ने राज्य सरकार से एसकेएमयू को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने, झारखंड क्षेत्र में वित्तरहित शिक्षा नीति समाप्त कराने, दुमका में अविलंब कृषि विवि की स्थापना कराने और स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का निर्माण कराने की मांग भी उठायी गयी है.