बासुकिनाथ : कोविड-19 महामारी के कारण श्रावणी मेला प्रभावित हो गया है. दूसरे दिन भी मंदिर व आसपास की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. नहीं कांवरिये आ रहे हैं. न ही कहीं जयकारे ही लग रहे हैं. बाबा फौजदारीनाथ भी ताले में बंद हैं. भक्तों को मंदिर जाने से रोकने के लिए हर रास्ते पर दंडाधिकारी व जवान तैनात कर दिये गये हैं. इस बार कांवर यात्रा और जलाभिषेक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है.
सरकार के आदेश से श्रद्धालुओं के लिए फेसबुक पर ऑनलाइन लाइव दर्शन की व्यवस्था की गयी है. घर बैठे श्रद्धालु फेसबुक पर भोलेनाथ का दर्शन कर मंगलकामना करेंगे. बंगाल से पहुंचे शिव भक्तों ने मंदिर के बाहर से बाबा फौजदारीनाथ गुंबद पर पंचशूल का दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना की. मान्यता है कि पंचशूल के दर्शन मात्र से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. ऑनलाइन दर्शन पूजन कर भक्तों को संतोष करना पड़ा.
सावन में सोमवार से ज्यादा भीड़ मंगलवार को रहती थी. पर कोरोना संकट के कारण मंदिर व आसपास सुनसान है. मंदिर निकास गेट पर श्रद्धालुओं का हमेशा तांता लगा रहता था. मंदिर के चारों ओर सुरक्षा बलों की सख्त पहरेदारी है. अहले सुबह मंदिर का पट खुलने के बाद मंदिर पुजारी ने गर्भगृह में भगवान भोलेनाथ की सरकारी पूजा की. पुरोहित पूजा समय पर हुआ. पुजारी दिनेश झा, डब्लू झा एवं सदाशिव पंडा ने फुलेल, ईत्र, घाम चंदन, दूध, दही, घी, शक्कर, फल-फूल, मधु, धोती, साड़ी, जनेऊ आदि शिवलिंग पर अर्पित किया.
मंदिर व पुजारी की आय भी प्रभावित : कोरोना के कारण बासुकिनाथ मंदिर न्यास समिति को होनेवाली लाखों रुपये की आय, मंदिर के पुजारियों की आय, मंदिर के आस-पास लगी दुकानों की बिक्री, पंडितों का काम सब प्रभावित है. फूल बेचने के लिए श्रद्धालु के इंतजार में दिन भर बैठे रहे. मंदिर में सहस्त्र धारा, रुद्रपाठ सहित कई धार्मिक अनुष्ठान भी बंद हो गये हैं.
भोलेनाथ की रुद्र रूप की हुई पूजा : बासुकिनाथ. सावन मास मंगलवार को बासुकीनाथ मंदिर पुजारी ने बाबा फौजदारीनाथ का हनुमान रूप की अलौकिक शृंगार पूजा की. मंदिर पंडित गणेश झा ने सुगंधित फूलाें से रूद्र रूप की पूजा की. शृंगार पूजा का लाइव प्रसारण सोशल मीडिया पर भी दिखाया गया. इसे देख भक्तों ने बाबा से कोरोना संकट से उबारने की प्रार्थना की. विल्व-पत्र, शहद, दूध, दही, घी, गुड़ और गंगाजल से भोलेनाथ का अभिषेक किया.
पेड़ा गली सुनसान, संकट में दुकानदार : सावन में गुलजार रहनेवाला बासुकिनाथ का पेड़ा गली सुनसान है. पेड़ा दुकानदार उमा राव, दिलीप साह, राजकुमार आदि दुकानदारों ने बताया कि श्रावण महोत्सव में दूर-दराज से भगवान शंकर की पूजा के लिए काफी शिव भक्त आते थे. अच्छी खासी विक्री होती थी. स्थायी व अस्थायी दुकानों में हजारों लोगों को रोजगार मिलता था. कोविड-19 महामारी के कारण पर्यटन उद्योग पूरी तरह प्रभावित हो गया है. पूजा कराने वाले पंडितों की आमदनी प्रभावित हो गयी है.
बासुकिनाथ में जीर्ण-शीर्ण मंदिर का होगा सौंदर्यीकरण : बासुकिनाथ. बासुकिनाथ मंदिर का सौंदर्यीकरण कराया जायेगा. मंदिर न्यास समिति अध्यक्ष सह उपायुक्त राजेश्वरी बी के निर्देश पर मंगलवार को मंदिर प्रभारी सह बीडीओ कुंदन भगत, कार्यपालक पदाधिकारी सह सीओ राहुल जी आनंद जी, जिला परिषद कार्यपालक अभियंता जयप्रकाश सिंह बासुकिनाथ मंदिर प्रांगण पहुंचे.
झूलन मंदिर, भैरव मंदिर, काल भैरव, हाथी गेट, स्टील बैरिकेडिंग की मापी जिला अभियंता के नेतृत्व में जेइ ने की. मंदिर प्रभारी ने बताया कि इसका इस्टीमेट बनाया जायेगा. फिर परिसर स्थित विभिन्न मंदिरों की मरम्मत कर इसका सौंदर्यीकरण किया जायेगा. साफ-सफाई पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत पर जोर दिया गया. मंदिर में किसी प्रकार की मरम्मत की आवश्यकता है, तो काम होगा. मौके पर कनीय अभियंता कुमार गौरव, मंदिर सहायक प्रबंधक सुभाष राव, रवींद्र मोदी सहित अन्य मौजूद थे.
निकास गेट पर लगी सैनिटाइजर मशीन : बासुकिनाथ. कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए बाबा बासुकीनाथ सेवा मंडल लीलवा हावड़ा के द्वारा सिंह द्वार पर सैनिटाइजेशन मशीन लगायी गयी है. मंदिर प्रभारी सह बीडीओ कुंदन भगत ने बताया कि कोविड के संक्रमण को देखते हुए हाइकोर्ट व राज्य सरकार ने सावन माह में मंदिर को बंद रखने का आदेश दिया गया है. लेकिन बाबा फौजदारीनाथ के पूजन का कार्य परंपरा के अनुसार प्रतिदिन चल रहा है. इस दौरान दैनिक धार्मिक अनुष्ठान हेतु मुख्य पुजारी, फुलधरिया व सफाई कर्मी मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं. सैनिटाइजेशन मशीन गेट से गुजर कर ही मंदिर में प्रवेश करेंगे जिससे मंदिर को कोरोना संक्रमण से मुक्त रखने में महत्वपूर्ण साबित होगा.
Post by : Pritish Sahay