देवघर : गुरुवार को विधानसभा सत्र के दौरान देवघर विधायक नारायण दास ने हाइकोर्ट की बेंच देवघर में स्थापित करने का मुद्दा उठाया. विधायक ने कहा कि देवघर में एम्स, एयरपोर्ट व इंडस्ट्रियल एरिया है. देवघर से रांची की दूरी बहुत अधिक है, जिस कारण संताल परगना क्षेत्र के लोगों को हाइकोर्ट के कार्यों से आवागमन करने में कठिनाई होती है. देवघर में हाइकोर्ट की बेंच खुलने से इस क्षेत्र के लोगों को समय व आर्थिक समस्या से निजात मिल सकेगी. देवघर में निश्चित रूप से हाइकोर्ट की बेंच खुलनी चाहिए. सरकार की ओर से विधायक के प्रश्न का उत्तर देते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि दुमका में हाइकोर्ट की बेंच की स्थापना का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है. वर्ष 2015 में भवन निर्माण विभाग के सचिव को दुमका में हाइकोर्ट की बेंच स्थापित करने के लिए जमीन चिन्हित करने के साथ-साथ झारखंड हाइकोर्ट की सहमति लेकर वित्त विभाग से बजटीय प्रावधान करने को निर्देश दिया गया था, इसके लिए सचिव ने हाइकोर्ट की बेंच में न्यायाधीशों की संख्या, निबंधन कार्यालय व अन्य कर्मियों की संभावित संख्या सहित आवासन की आवश्यकता का विवरण उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है. इस मामले में विधि सह मुख्यमंत्री द्वारा हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आदेशानुसार मामले को हाइकोर्ट में न्यायाधीशों की कमी व उक्त बेंच के लिए उपयुक्त स्थान नहीं होने के कारण लंबित रखा गया है. दुमका में हाइकोर्ट की बेंच की स्थापना का प्रस्ताव पहले से है. सरकार दुमका में जमीन तलाश रही है.
मंत्री के इस उत्तर पर विधायक नारायण दास ने कहा कि पूर्व में उनके द्वारा उठायी गयी इस मांग पर सरकार ने लिखित रूप से दिये उत्तर में कहा है कि हाइकोर्ट की बेंच के लिए उपयुक्त स्थान नहीं होने के कारण लंबित रखा गया है, इसलिए जब दुमका में उपयुक्त जगह नहीं है तो देवघर में हाइकोर्ट की बेंच खोली जाये. विधायक की इस मांग पर मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि एक बार फिर से इस मामले को देखा जायेगा, अगर दुमका में जमीन नहीं मिली तो देवघर में हाइकोर्ट की बेंच सरकार खोलने को तैयार है.