दुमका में दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल शुरू, गीतांजलि श्री व मनोरंजन ब्यापारी ने शेयर किए अनुभव
शनिवार को पहले दिन बुकर पुरस्कार से सम्मानित गीतांजलि श्री के अलावा मनोरंजन ब्यापारी, रजा काजमी, विक्रम ग्रेवाल, चंद्रहास चौधरी, चुंडा सोरेन सिपाही, मिहिर वत्स, अच्युत चेतन जैसे शख्सियत भाग ले रहे हैं, तो रविवार को गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म के पटकथा लेखक जीशान कादरी भी इसमें शिरकत करेंगे.
दुमका, आनंद जायसवाल. झारखंड की उपराजधानी दुमका में देशभर के कई नामी साहित्यकारों-लेखकों का जुटान हुआ है. द्वितीय स्टेट लाइब्रेरी लिटरेचर फेस्टिवल कन्वेंशन हॉल में शनिवार से शुरू हुए दो दिवसीय इस लिटरेचर फेस्टिवल में प्रसिद्ध लेखक, साहित्यकार, कवि के साथ प्रकाशक भी शिरकत कर रहे हैं. इसमें बुकर पुरस्कार से सम्मानित गीतांजलि श्री व मनोरंजन ब्यापारी समेत अन्य साहित्यकार अपने अनुभव शेयर कर रहे हैं. इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर साहित्य सृजन को बढ़ावा देना है. छोटे शहरों से साहित्यकार व लेखक कैसे आगे आएं, इस पर चर्चा हो रही है. लेखन की शैली व पुस्तकों के प्रकाशन पर भी बातें हो रही हैं.
मनोरंजन ब्यापारी ने शेयर किया अनुभव
शनिवार को पहले दिन बुकर पुरस्कार से सम्मानित गीतांजलि श्री के अलावा मनोरंजन ब्यापारी, रजा काजमी, विक्रम ग्रेवाल, चंद्रहास चौधरी, चुंडा सोरेन सिपाही, मिहिर वत्स, अच्युत चेतन जैसे शख्सियत भाग ले रहे हैं, तो रविवार को गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म के पटकथा लेखक जीशान कादरी भी इसमें शिरकत करेंगे. कलाकार पंकज त्रिपाठी, वरुण ग्रोवर के अलावा लेखक गायक और कलाकार पीयूष मिश्रा ऑनलाइन जुड़ेंगे और संवाद करेंगे. 27 पुस्तकों की रचना करने वाले पश्चिम बंगाल के बालागढ़ के तृणमूल विधायक मनोरंजन ब्यापारी ने अपने अनुभव से प्रभावित किया.
लेखक, साहित्यकार रख रहे अपने विचार
इस लिटरेचर फेस्टिवल में दो दिनों में कई विषयों पर लेखक, साहित्यकार अपने विचार रखेंगे. इन विषयों में प्रमुख हैं-लिखने की प्रेरणा, प्रकाशन क्या और क्यों : छोटे शहरों के लेखकों के लिए , वन्य जीव और पर्यावरण : प्रकृति से सामंजस्य की आवश्यकता, लेखक बनने का प्रशिक्षण-रचनात्मक लेखन की ओर, स्थानों के बारे में साहित्य, अविस्मरणीय महिलाओं की कहानियां, साहित्य और जीवन में हास्य, साहित्य और मानसिक स्वास्थ्य-स्वयं के साथ सामंजस्य, झारखंड तथा इसके निवासियों के बारे में साहित्य, पुस्तक-पुस्तकालय और साहित्य, साहित्य और सिनेमा, छोटे शहरों की चुनौतियां और अवसर जैसे विषय पर सत्र होने हैं.
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