दुमका : संताल परगना स्थापना दिवस के अवसर पर शुक्रवार को ग्राम प्रधान मांझी संगठन ने अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर महारैली निकाली. यह रैली नगर भ्रमण कर वापस इंडोर स्टेडियम पहुंची, जहां सभा में तब्दील हो गयी. सभा को संबोधित करते हुए प्रमंडलीय अध्यक्ष भीम प्रसाद मंडल ने 1932 के गेंजर खतियान के आधार पर स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति निर्धारित करने, प्रधानी व्यवस्था का सुदृढ़ करने के लिए प्रमंडलीय स्तर पर ग्राम प्रधान परिषद का गठन करने, संताल परगना काश्तकारी अधिनियम 1949 के प्रावधान के तहत माल गुजारी की वसूली पूर्व की तरह ऑफलाइन कराने, ग्राम स्वशासन व ग्राम स्वराज के तहत ग्राम स्तर पर विकास की समुचित राशि ग्रामसभा को देने, ग्राम सभा को योजनाओं की कार्यान्वयन का समुचित अधिकार देने की मांगें रखी. कहा कि सरकार को चाहिए कि वह 15 मई 2015 के निर्णय का अनुपालन कराते हुए वर्तमान सर्वे सेटलमेंट के अंतिम प्रकाशन के पर्चा में साविक जमाबंदी नंबर, साविक रकवा एवं साविक लगान दर्ज कराये. वहीं प्रधानी जोत जमीन में गेंजर सेटलमेंट की तरह वर्तमान ग्राम प्रधान का नाम दर्ज हो.
श्री मंडल ने बंदोबस्त विभाग में व्यापक अनियमितता, भ्रष्टाचार में संलिप्त पदाधिकारी व कर्मचारियों के पदस्थापन तिथि लेकर वर्तमान अवधि के निष्पादित सभी वादों एवं अभिलेखों का जांच इडी या सीबीआई से कराने पर जोर दिया. अन्य वक्ताओं ने ग्राम प्रधानों की सम्मान राशि प्रतिमाह 10 हजार रुपये, सभी लेखा होड़ यानि नायकी जोगमांझी, कुड़मनायकी, पराणिक एवं गुडैतों को दी जानेवाली सम्मान राशि प्रतिमाह पांच हजार रुपए करने, हर खेत को पानी, हर हाथ को काम देने पर बल दिया. मौके पर जिला सचिव भीम सोरेन, श्रीपति कुमार मंडल, मुकेश कुमार मिश्रा, रूसोराम बास्की, देवी हांसदा, कृष्णचंद्र घोष, महादेव यादव, अजित कुमार, आशुतोष महतो, प्रेम प्रसाद साह, सुबल चंद्र दास, इंग्लिश लाल मरांडी मौजूद थे.
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