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Jharkhand News: बासुकिनाथ में गैस सिलिंडर में धमाके से लगी भीषण आग, 58 दुकानें जलकर खाक, करोड़ों का हुआ नुकसान

ग्रामीणों ने बताया कि आग रात में 12 बजे के करीब लगी. उस समय 4-5 दुकान में ही आग पकड़ी थी, लेकिन लोगों की भीड़ जमा होते-होते आग तेजी के साथ एक दूसरे दुकान को जलाते हुए आगे बढ़ने लगी.

Jharkhand News : बासुकिनाथ बाजार चूड़ी गली में शनिवार की रात भीषण अग्निकांड में छोटी बड़ी 58 दुकानें जलकर खाक हो गयी. करीब पांच करोड़ से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ. आग लगने के कारण का पता नहीं चल पाया है. संभावना व्यक्त की जा रही है कि शॉट सर्किट या फिर किसी ने सिगरेट पीकर दुकान की और फेंक दिया हो. लोगों के अनुसार आग मार्केट कॉम्पलेक्स के पूर्वी दिशा स्थित दुकान में पहले आग लगी, उसके बाद देखते देखते आग की लपटें इतनी तेजी से फैली की सभी दुकानों को जलाकर खाक कर दिया.   

रात में गहरी नींद में सोए थे लोग, माइकिंग से किया गया अलर्ट

आग पर काबू पाने के लिए मंदिर कार्यालय स्थित ध्वनि प्रसारण यंत्र से माइकिंग की गयी. सभी लोग अपने अपने घरों में गहरी नींद में सोये हुए थे. जानकारी होते ही सभी अपने अपने दुकान बचाने के लिए बाजार की और भागे, लेकिन आग की लपटें इतनी तेजी से बढ़ रही थी की किसी ने भी अपने जल रहे दुकान को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. और सभी के सामने दुकान जलकर खाक हो गया. बासुकिनाथ स्थित अधिकांश दुकान बांस बल्ला प्लास्टिक से घेर कर बनाया गया है. जिस कारण आग तेजी से फैल गया. आग की भयावहता के आगे सब प्रयास बेकार गये.

पहले चार-पांच दुकानों में लगी थी आग, देखते-देखते फैली

ग्रामीणों ने बताया कि आग रात में 12 बजे के करीब लगी. उस समय 4-5 दुकान में ही आग पकड़ी थी, लेकिन लोगों की भीड़ जमा होते-होते आग तेजी के साथ एक दूसरे दुकान को जलाते हुए आगे बढ़ने लगी. आग की लपटें काफी ऊपर उठ रही थी. ग्रामीणों ने बुझाने का भी प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो पाये. स्थानीय प्रशासन को सूचना मिलने के बाद एसडीपीओ अमित कुमार कच्छप, पुलिस निरीक्षक श्यामानंद मंडल घटनास्थल पर पहुंचे. एसपी पीताम्बर सिंह खेरवार भी रात में घटनास्थल पर पहुंचे, संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देकर निकल गये.

दुकान में रखा चार गैस सिलिंडर फटा

चाय व मुढ़ी घुघनी दुकान में रखा हुआ चार गैस सिलिंडर फटने से बड़ा धमाका हुआ, बारी-बारी से गैस सिलेंडर फटा, आग की लपटें 40 फीट ऊपर उठने लगी, लोग इधर उधर भागने लगे. आग का भीषण रूप देखकर लोगों को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वे अपनी दुकान को कैसे बचाये. इसमें नगर पंचायत बासुकिनाथ के जेसीबी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया. चालक ने अपनी सूझबूझ व जेसीबी की मदद से बीच के दुकान को हटा दिया जिससे आग चुड़ी गली से आगे नहीं बढ़ सकी. अन्यथा पूरे बासुकिनाथ स्थित सभी दुकानों को आग अपनी लपटों में लेकर जला देती.

एक घंटे बिलंब से फायर बिग्रेड की गाड़ी पहुंची

पुलिस ने वरीय अधिकारी को जानकारी देने के साथ-साथ दमकल विभाग को अग्निकांड की सूचना दी. लेकिन एक घंटे विलंब से फायर बिग्रेड की गाड़ी बासुकिनाथ पहुंची. तब तक सभी दुकानें जल चुकी थी. दुमका से फायर बिग्रेड की चार गाड़ी पहुंची, देवघर से भी एक गाड़ी को मंगाया गया. तब जाकर आग को बुझाया जा सका. फायर बिग्रेड की गाड़ी में पानी तीन बार समाप्त हो गया, बासुकिनाथ पानी टंकी में पानी भरकर दोबारा सभी फायर बिग्रेड की गाड़ी घटनास्थल पर पहुंची और आग को बुझाया.

बासुकिनाथ में अग्निकांड की यह पांचवी घटना

बासुकिनाथ में अग्निकांड की यह पांचवी घटना है, जिसमें करोड़ों रुपये की संपति का नुकसान हुआ. सबसे पहले 2012 व 2019 में भी चूड़ी गली में इसी तरह का अग्निकांड हुआ था उस समय भी सभी दुकान जलकर खाक हो गयी थी. तीन साल बाद बाजार के पश्चिम दिशा में स्थित दुकान में आग लगी, उस समय भी गैस सिलिंडर फटने से आग ने सब कुछ जलाकर खाक कर दिया था. उसके बाद एसबीआई नागनाथ चौक के समीप में स्थित 10-15 दुकान जलकर खाक हो गया. झोपड़ी में दुकान होने के कारण इस तरह के घटना की पुनरावृत्ति बासुकिनाथ में होते रहती है.  

बासुकिनाथ फायर सब स्टेशन होता तो इतना नुकसान नहीं होता

बासुकिनाथ फायर सब स्टेशन होता तो इतना नुकसान नहीं होता. राज्य सरकार ने एक वर्ष पूर्व तत्कालीन कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के पहल पर बासुकिनाथ फायर सब स्टेशन खुलवाने की मंजूरी दी थी. मुख्यमंत्री ने इसकी स्वीकृति भी दिया था. एक छोटी अग्निशमन की गाड़ी भी बासुकिनाथ पहुंची थी. बासुकिनाथ में ही हमेशा के लिए फायर बिग्रेड की गाड़ी इस तरह की घटना को रोकने के लिए खड़ी रहती, ऐसा आदेश था, लेकिन बाद में सरकारी उदासीनता के कारण क्या हुआ किसी को कुछ मालूम नहीं. लोगों ने कहा कि अगर अग्निशमन की गाड़ी यहां रहती तो इतना नुकसान नहीं होता. दुमका से बासुकिनाथ अग्निशमन की गाड़ी पहुंचने में काफी वक्त लग जाता है जिससे कोई लाभ नहीं मिलता, और तब तक सब कुछ जलकर खाक हो जाता है.  

अधिकांश दुकान चुड़ी, सिंदूर, प्रसादी, तांबा व पीतल वर्तन की

इस अग्निकांड में अधिकांश दुकान चूड़ी, सिंदूर, प्रसादी, बधी माला, तांबा, पीतल बर्तन आदि का था. गोदाम में थोक विक्रेता के लाखों का स्टॉक था. इस अग्निकांड से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से करीब 800 परिवार प्रभावित हो गया है. दिन भर श्रद्धालुओं के बीच समान बेचकर शाम को थोक विक्रेता को भुगतान कर कमाई के पैसे से परिवार का भरण पोषण करने वाले लोगों को परेशानी हो गयी. वैसे लोगों के समक्ष बाबा के इस नगरी में रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है. इस अग्निकांड से सैकड़ों व्यक्ति तत्काल बेरोजगार हो गये.

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