Mid-Day Meal: दुमका में बड़ा हादसा, मिड-डे मील में छिपकली गिरने से 47 बच्चों की बिगड़ी तबीयत
Mid-Day Meal: दुमका जिले में मसलिया के प्लस टू उच्च विद्यालय में मिड-डे मील में छिपकली गिरने से 47 बच्चों की तबीयत खराब हो गयी. उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया. सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं. कुछ बच्चों को डॉक्टर की देखरेख में रखा गया है.
Mid-Day Meal: मसलिया (दुमका)-दुमका जिले में मसलिया के प्लस टू उच्च विद्यालय मोहनपुर के 47 बच्चों की तबीयत मिड-डे मील खाने से बिगड़ गयी. छिपकली गिरने से भोजन विषाक्त हो गया था. सभी बच्चों को हादसे के बाद एंबुलेंससे अस्पताल लाया गया. इलाज के बाद सभी खतरे से बाहर हैं. कुछ बच्चों को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है. इस विद्यालय में पहली से बारहवीं तक पढ़ाई होती है. मध्याह्न भोजन करने से बीमार सभी बच्चे आठवीं कक्षा तक के हैं.
भोजन में छिपकली गिरने से बिगड़ी तबीयत
अभिभावक जॉन मरांडी ने बताया कि भोजन में छिपकली गिरी थी. उसी भोजन को बच्चों के बीच परोसा गया. बच्चों ने जैसे-जैसे खाना खाया, उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. छोटे-छोटे बच्चों को पहले उल्टी होने लगी. कुछ बच्चों के पेट व गला में दर्द होने लगी.
सूचना मिलते ही पहुंचे अभिभावक
बच्चों के बीमार पड़ने की सूचना मिलते ही अभिभावक स्कूल पहुंच गये. एक अभिभावक सहदेव हांसदा ने बताया कि रयोइया और प्रभारी प्रधानाध्याक इसके लिए जिम्मेदार हैं. गनीमत रही कि बच्चों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई. शिक्षकों और रसोइया पर कार्रवाई होनी चाहिए. अष्टम के छात्र बाबू सोना मरांडी एवं राजकिशोर टुडू ने बताया कि भोजन में छिपकली पड़ी थी. उसी खाने का वितरण किया जा रहा था. जब तक खाने के लिए मना किया. तब तक कई बच्चे खाना खा चुके थे.
ऐसे बच्चों की सेहत में हुआ सुधार
स्कूल पहुंचे अभिभावकों ने एंबुलेंस को फोन किया. चिकित्सक सहित एंबुलेंस स्कूल पहुंची. बच्चों की संख्या इतनी ज्यादा थी. एक एंबुलेंस से अस्पताल लाना संभव नहीं था. एक एंबुलेंस में 25 बच्चों को पहली बार लाया गया. दूसरी एंबुलेंस भेजकर सभी बच्चों को अस्पताल मसलिया लाया गया, जहां चिकित्सकों ने बच्चों को दवा, इंजेक्शन, ओआरएस दिया. इसके बाद बच्चों की सेहत में सुधार हुआ.
सभी की स्थिति खतरे से बाहर, सेहत में सुधार के बाद भेजे गए घर
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि 47 बच्चों को इलाज किया गया. सभी बच्चे अभी अंडर कंट्रोल हैं. कुछ बच्चों को चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया है. बाकी सभी बच्चों को एंबुलेंस से घर पहुंचाया जा रहा है. अभिभावकों का कहना है कि ऐसी परिस्थिति में बच्चों के पास विद्यालय के शिक्षकों को अस्पताल में होना चाहिए था लेकिन नहीं दिखे. डीएसई आशीष कुमार हेम्ब्रम ने बताया कि एक जांच टीम गठित कर पूरे प्रकरण की जांच करायी जायेगी. दोषी पाये गये शिक्षकों और रसोइया के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
पूर्व मंत्री डॉ लुईस मरांडी भी सीएचसी पहुंचीं
इसकी सूचना पाकर बीडीओ मो अजफर हसनैन, प्रमुख बासुदेव टुडू, सीओ रंजन यादव, विधायक प्रतिनिधि अस्पताल पहुंचकर बच्चों के सेहत के बारे में जानकारी ली. चिकित्सक को बेहतर इलाज के लिए कहा गया. सूचना पाकर सिविल सर्जन डॉ बच्चा प्रसाद सिंह भी पहुंचे और चल रही चिकित्सा व बच्चों की सेहत की जानकारी ली. पूर्व मंत्री डॉ लुईस मरांडी भी मसलिया सीएचसी पहुंचीं. बच्चों एवं उनके अभिभावकों से बात कीं.
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