दुमका में मिनी सचिवालय बनाने की पहले पहल शुरू हो गयी है. इसके लिए विजयपुर में एक जमीन चिह्नित की गयी है, जो अभी कृषि बाजार समिति के नाम पर है. इस 20.12 एकड़ के भूखंड में से आठ एकड़ भूखंड में मॉडल कॉलेज का निर्माण हो चुका है, शेष 12.12 एकड़ जमीन अभी उपलब्ध है. जानकारी के अनुसार, दुमका में राजभवन, सीएम आवास तथा मंत्रियों के आवास, सरकारी आवासीय भवन सहित अन्य संरचनाएं बनाने का भी प्रस्ताव है. हालांकि इसके लिए अभी जमीन तय नहीं की गयी है.
भवन निर्माण विभाग के वास्तुविद चयन समिति ने दो महीना पहले ही इस प्रोजेक्ट के लिए नयी दिल्ली की आर्किटेक्ट कंपनी डीडीएफ कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड का चयन किया है. कुछ दिनों पहले विभाग के संयुक्त सचिव ओनिल क्लेमेंट ओड़ैया ने अभियंता प्रमुख व मुख्य अभियंता को पत्र भेजकर जिला स्तर से चिह्नित की गयी भूमि पर कॉम्प्रिहेंसिव प्लान व डिजाइन तैयार कराने को कहा है. दोनों स्थल काे चिह्नित कर उसका ब्योरा जिलास्तर से राज्य मुख्यालय को उपलब्ध करायी जा चुकी है.
झारखंड के अलग राज्य के तौर पर अस्तित्व में आने के कुछ दिन बाद ही दुमका काे उपराजधानी का दर्जा मिल गया था. लिहाजा यहां वन विभाग के डाक बंगले को राजभवन का रूप दिया गया. एक पुराने भवन, जिसमें आयुक्त का कार्यालय चलता था, उसे सीएम सचिवालय सह कैंप कार्यालय बनाया गया. सीएम सचिवालय सह कैंप कार्यालय का उपयोग पिछले पांच-छह सालों से भले ही नहीं हो पाया हो, लेकिन दुमका के विधायक बसंत सोरेन के प्रयास से दुमका में उपराजधानी के अनुरूप तमाम संरचनाएं विकसित कराने की पहल जरूर हुई है.
बसंत सोरेन ने राजधानी रांची की तर्ज पर उपराजधानी दुमका के विकास की बात उठायी थी. यहां मुख्यमंत्री आवास, सचिवालय व मंत्रियों के आवास बनवाने की मांग रखी थी. इसके बाद राज्य सरकार ने इस पर आवश्यक पहल की है. राज्य सरकार के भवन निर्माण विभाग के आदेश पर जिला प्रशासन ने स्थल चिह्नित किया है.
पिछली बैठक में इस परियोजना के लिए विजयपुर में चिह्नित 12.12 एकड़ भूखंड पर सहमति जतायी गयी है. डीपीआर व डिजाइन के लिए संबंधित आर्किटेक्ट एजेंसी कार्य कर रही है.
सकलदीप मंडल, कार्यपालक अभियंता, भवन निर्माण विभाग