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लीड :: सात करोड़ से बने मल्टीपर्पज बिल्डिंग के बहुरेंगे दिन

मल्टी पर्पज बिल्डिंग को लगभग सात करोड़ रुपये में 2022 में बनाया गया था, लेकिन इसकी उपयोगिता इसलिए भी सुनिश्चित नहीं हो पा रही थी कि भवन बन जाने के बाद इसके लिए उपस्कर-फर्नीचर की खरीद नहीं हो पायी थी. अब जाकर मल्टीपर्पज बिल्डिंग के लिए फर्नीचर की खरीद की प्रक्रिया को लेकर मंजूरी मिल पायी है.

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संवाददाता, दुमका

सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका के दिग्घी कैंपस में दो साल पहले बनकर तैयार हुए मल्टीपर्पज बिल्डिंग के दिन बहुरनेवाले हैं. मल्टी पर्पज बिल्डिंग को लगभग सात करोड़ रुपये में 2022 में बनाया गया था, लेकिन इसकी उपयोगिता इसलिए भी सुनिश्चित नहीं हो पा रही थी कि भवन बन जाने के बाद इसके लिए उपस्कर-फर्नीचर की खरीद नहीं हो पायी थी. अब जाकर मल्टीपर्पज बिल्डिंग के लिए फर्नीचर की खरीद की प्रक्रिया को लेकर मंजूरी मिल पायी है. समिति की अनुशंसा पर जेम के माध्यम से फर्नीचर की खरीद की जायेगी. बताया जा रहा है कि पंद्रह सौ लोगों की बैठने की क्षमता वाले मल्टीपर्पज बिल्डिंग में विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर की परीक्षाएं आसानी से ले पायेगा. इससे अबतक जो कक्षाएं प्रभावित हुआ करती हैं, वह परेशानी बेंच-डेस्क लग जाने के बाद दूर हो जायेगी. विश्वविद्यालय प्रशासन की परिकल्पना है कि इस बिल्डिंग को बेहतर ढंग से सजाया जाये. ताकि इसकी भव्यता बनी रहे और दीक्षांत समारोह के अलावा बड़े सेमिनार-संगोष्ठी, सांस्कृतिक आयोजन, स्थापना दिवस गरिमापूर्ण व औदात्य वाले माहौल में यहीं आयोजित हो सके. इसके लिए पहले तीन कतार में गणमान्य लोगों के बैठने के लिए आरामदायक सोफा लगवाया जायेगा, जबकि उसके बाद लगभग दो सौ अच्छी कुर्सियां कतारबद्ध लगायी जायेंगी. इसके बाद बेंच-डेस्क लगाया जायेगा.

निर्माण में हुई लेटलतीफी, कोरोना भी बना था बाधक

मल्टीपर्पज बिल्डिंग लगभग सात करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. हालांकि इसका निर्माण पहले ही हो जाना था, लेकिन विविध कारणों से निर्माण पूरा कराने में संवेदक एजेंसी ने 2022 तक का वक्त ले लिया. कार्य आरंभ होने के बाद कोरोना महामारी ने भी इस प्रोजेक्ट की गति को प्रभावित किया था.

निचले व प्रथम तल में बनाये गये हैं आठ कमरे

मल्टीपर्पज बिल्डिंग के अंदर निचले व प्रथम तल में आठ कमरे भी बनवाए गये हैं, ताकि किसी आयोजन के वक्त अतिथियों को बिठाया जा सके. वहीं स्टोर आदि के लिए भी यहां कमरे बनवाये गये हैं. पूरा सभागार अंदर से रौशन रहे, इसके लिए सीलिंग में बड़े आकार के लाइट लगाये गये हैं. वहीं पूरे भवन को गैलरीनुमा बनाया गया है, ताकि किसी आयोजन के वक्त पीछे बैठे लोग मंच काे बेहतर ढंग से देख पायें.

क्या कहते हैं कुलपति

मल्टीपर्पज भवन जब बना था, तब इसके लिए फर्नीचर का प्रावधान उस वक्त नहीं किया गया था. इसी वजह से मल्टीपर्पज बिल्डिंग के बनने के बाद भी उपयोगिता सुनिश्चित नहीं हो पा रही थी. विवि ने पहल करते हुए फर्नीचर क्रय के लिए प्रक्रिया शुरू की है. जल्द ही इसका ब्योरा जेम पर अपलोड किया जायेगा. इसके सुसज्जित होते ही हमें बड़े कार्यक्रमों के आयोजन से लेकर परीक्षा के आयोजन कराने में सहूलियत होगी. हमें कक्षाएं बाधित करके परीक्षाएं नहीं लेनी होंगी. क्लास रूम में कक्षाएं चलेंगी और मल्टीपर्पज बिल्डिंग में परीक्षा का आयोजन होगा.

प्रोफेसर डॉ बिमल प्रसाद सिंह, कुलपति

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