Jharkhand News: पिछले कुछ महीनों में ऑफलाइन मोड में अनाज वितरित किये जाने या उस अनाज का ऑनलाइन इंट्री न हो पाने की स्थिति में उसे स्टॉक में दिखाये जाने से संबंधित मात्रा में अनाज की कटौती इस महीने कर दी गयी है. कटौती की गयी अनाज की मात्रा लगभग 21000 क्विंटल की है. दुमका जिले में औसतन 58 से 60 हजार क्विंटल अनाज की आपूर्ति होती है, लेकिन इस महीने महज 39 हजार क्विंटल ही अनाज आवंटित किया गया है. ऐसे में न केवल कार्डधारी, बल्कि पीडीएस डीलर और इससे संबंधित महकमे के लोगों की मुश्किलें बढ़ने वाली है. जगह-जगह लोग आंदोलन कर रहे हैं. सड़क पर उतर रहे हैं. विधि-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही है.
दुमका जिले में करीब 35 प्रतिशत कटौती
दुमका जिले में सितंबर महीने के अनाज के आवंटन में लगभग 35 प्रतिशत की कटौती होने से पीडीएस डीलरों की परेशानी बढ़ गयी है. दरअसल, पिछले कुछ महीनों के अनाज का स्टॉक उनके पॉश में दिख रहा है, जिसके सामंजन के लिए इस बार अनाज के आवंटन की कटौती कर दी गयी है. डीलरों का कहना है कि जो अनाज पॉश में स्टॉक के तौर पर दिख रहा है, उसे ऑफलाइन मोड में वितरित किया गया है. अब परेशानी यह हो गयी है कि अनाज का आवंटन इस बार नहीं मिलेगा, तो वे बांटेंगे कैसे. अनाज बंट नहीं रहा, तो लोग आवाज उठा रहे हैं. डीलरों की फजीहत बढ़ती जा रही है. अधिकारी भी परेशान हो रहे हैं.
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कई पीडीएस डीलर्स को एक छटाक भी नहीं मिला अनाज
जानकारी के मुताबिक, काठीकुंड और मसलिया जैसे प्रखंड में नौ-नौ पीडीएस डीलरों को एक छटांक भी अनाज का आवंटन इस महीने नहीं हुआ है. शिकारीपाड़ा में आठ, रानीश्वर में सात और दुमका जैसे प्रखंड में छह पीडीएस डीलर भी इस महीने कोई अनाज नहीं बांट पायेंगे. इस परेशानी का निजात पहले निकाला गया होता, तो संकट की यह स्थिति पैदा नहीं होती. बताया जा रहा है कि दुमका जिले में 1038 पीडीएस डीलर हैं, 49 का आवंटन शून्य होने के बाद हो डीलर बचे हैं, उन अधिकांश के भी आवंटन में 20 से 50 प्रतिशत तक की कटौती हुई है. यह स्थिति दुमका ही नहीं पूरे राज्य में है.
प्रखंडवार डीलरों का आवंटन हुआ शून्य
प्रखंड : डीलर की संख्या
जरमुंडी : 03
काठीकुंड : 09
दुमका सदर : 06
गोपीकांदर : 02
रानीश्वर : 07
जामा : 03
मसलिया : 09
शिकारीपाड़ा : 08
सरैयाहाट : 02
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इस महीने चावल का आवंटन
प्रखंड : पीएच : अंत्योदय
जरमुंडी : 3,72,685 : 1,63,019
काठीकुंड : 1,26,928 : 45,430
दुमका : 3,92,026 : 1,61,300
रामगढ़ : 3,90,549 : 1,29,501
गोपीकांदर : 78,207: 29,106
रानीश्वर : 2,58,002 : 75,016
जामा : 3,23,476 : 1,33,752
मसलिया : 2,92,016 : 1,03,676
शिकारीपाड़ा : 2,78,638 : 91,934
सरैयाहाट : 4,10,076 : 1,44,162
लगभग चार दशक से सहायक प्रबंधकों की बहाली नहीं
राज्य खाद्य निगम में झारखंड अलग राज्य बनने के बाद तो बहाली नहीं ही हुई है. बिहार में भी अंतिम बहाली 1982 में हुई थी. 41 साल में अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी सेवानिवृत हो गये. यही हाल आपूर्ति विभाग का है. जिले में आपूर्ति विभाग में जिला आपूर्ति पदाधिकारी ही अपने विभाग के इकलौते अधिकारी है. प्रखंड स्तर पर झारखंड राज्य खाद्य निगम के जो गोदाम हैं, उसके प्रभारी सहायक प्रबंधक यानी एजीएम होते हैं. पूरे जिले के दस प्रखंड में कहीं भी सहायक प्रबंधक नहीं है. तीन जगह तो निगम के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी को एजीएम का प्रभार दे दिया गया है. दुमका सदर में बलबीर तुरी, काठीकुंड में वीरेंद्र मंडलव सरैयाहाट में महेंद्र साहू गोदाम के सहायक प्रबंधक हैं. ये मूल रूप से चतुर्थवर्गीय कर्मचारी हैं, पर इन्हें 8000 क्विंटल अनाज के गोदाम का प्रभारी बना दिया गया है. वहीं जामा, जरमुंडी, मसलिया, रानीश्वर व शिकारीपाड़ा जैसे प्रखंडों में तो वीएलडब्ल्यू यानी की जनसेवकों को गोदाम का सहायक प्रबंधक बना दिया गया है. रामगढ़ में तो स्थिति और भी दूसरी है. यहां कोई नहीं मिला तो कंप्यूटर ऑपरेटर और बीडीओ (प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी भी हैं) मिलकर सहायक गोदाम प्रबंधक का दायित्व संभाल रहे हैं.
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प्रखंड : सहायक गोदाम प्रबंधक : मूल पद : अनाज का औसत आवंटन (क्विंटल)
दुमका सदर : बलवीर तुरी : विभागीय चतुर्थवर्गीय कर्मी : 8000
काठीकुंड : वीरेंद्र मंडल : विभागीय चतुर्थवर्गीय कर्मी : 3000
सरैयाहाट : महेंद्र साहू : विभागीय चतुर्थवर्गीय कर्मी : 8000
रामगढ़ : सुमित मंडल : कम्प्यूटर ऑपरेटर : 8000
गोपीकांदर : सुरेंद्र प्रसाद : विभागीय सहायक : 1800
जामा : जयंती ज्योति किस्कू : जनसेवक : 7000
जरमुंडी : रोबिन माल्टो : जनसेवक : 9500
मसलिया : नरेश यादव : जनसेवक : 5500
रानीश्वर : विश्वनाथ सिंह : जनसेवक : 4500
शिकारीपाड़ा : आनंद मंडल : जनसेवक : 5500
निराकरण के लिए किया जाएगा पत्राचार : बंका राम
इस संबंध में जिला आपूर्ति पदाधिकारी बंका राम ने कहा कि इस महीने अनाज आवंटन में कटौती की गयी है. कई डीलरों का आवंटन शून्य हो गया है. कई का आवंटन 20 से 50 प्रतिशत तक कट गया है. इससे परेशानी पैदा हुई है. निराकरण के लिए पत्राचार किया जायेगा और बाकी आवंटन की मांग की जायेगी.
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