दुमका- पाकुड़ जिले के 457 खनन कारोबारियों पर एनजीटी का चला डंडा, वसूले जायेंगे करीब 1100 करोड़ रुपये
Jharkhand news, Dumka news : पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले खनन कारोबारियों पर गाज गिरने वाली है. संताल परगना के दुमका एवं पाकुड़ जिले के 457 खनन कारोबारियों पर लगभग 1083 करोड़ रुपये के दंड का निर्धारण कर लिया गया है और अब इनसे वसूली होगी. पर्यावरण को पहुंचाये गये नुकसान का आकलन करने के बाद यह वसूली करने का निदेश नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिया है. दुमका एवं पाकुड़ जिले से निबंधित डाक से ऐसे खनन कारोबारियों को नोटिस दिया जायेगा.
Jharkhand news, Dumka news : दुमका (आनंद जायसवाल) : पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले खनन कारोबारियों पर गाज गिरने वाली है. संताल परगना के दुमका एवं पाकुड़ जिले के 457 खनन कारोबारियों पर लगभग 1083 करोड़ रुपये के दंड का निर्धारण कर लिया गया है और अब इनसे वसूली होगी. पर्यावरण को पहुंचाये गये नुकसान का आकलन करने के बाद यह वसूली करने का निदेश नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिया है. दुमका एवं पाकुड़ जिले से निबंधित डाक से ऐसे खनन कारोबारियों को नोटिस दिया जायेगा.
दुमका में 217 मामले में कुल 433.82 करोड़ रुपये के दंड का निर्धारण किया गया है. इनमें 70 मामले चालू खनन पट्टा से संबंधित, 34 बंद खनन कार्य से संबंधित, 9 बिना अनुज्ञप्ति प्राप्त किये खनन कार्य करने से संबंधित तथा 104 सरेंडर अथवा परिसमाप्त खनन पट्टे से संबंधित है. वहीं, पाकुड़ जिले में 132 चालू खनन पट्टे से संबंधित मामलों में लगभग 400 करोड़ रुपये तथा समाप्त अथवा परिसमाप्त खनन पट्टे से संबंधित 108 मामले में 250 करोड़ रुपये की वसूली होनी है.
मिली जानकारी के मुताबिक, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल प्रिंसिपल बेंच नयी दिल्ली द्वारा रामचंद्र मार्डी बनाम पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण परिषद् (Ramchandra Mardi vs West Bengal Pollution Control Council) एवं अन्य के मामले में 19 अप्रैल, 2018 को आदेश पारित किया गया था. पारित आदेश के अनुपालन में इंडियन काउंसिल ऑफ फारेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन (आइसीएफआरई) देहरादून की आनुषांगिक इकाई इंस्टीच्युट ऑफ फॉरेस्ट प्रोडक्टिविटी रांची(आइएफपी) द्वारा इनवायरमेंटल कंपनसेशन के संबंध में रिपोर्ट तैयार की थी, जिसे ट्रिब्यूनल ने स्वीकार कर लिया था.
इस मामले में 1 जुलाई, 2020 को आदेश पारित कर पर्यावरण को पहुंचायी गयी क्षति एवं प्रदूषण भुगतान सिद्धांत का आकलन करते हुए यह वसूली का निर्देश दिया था. मिली जानकारी के मुताबिक, 2018 के मई से नवंबर महीने में आइसीएफआरई की टीम ने खनन क्षेत्रों का निरीक्षण किया था और अपनी रिपोर्ट तैयार की थी.
दुमका डीसी ने की ऐसे मामलों की समीक्षा
मंगलवार को दुमका डीसी राजेश्वरी बी ने समीक्षा बैठक की. बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी सौरभ चंद्रा, जिला खनन पदाधिकारी दिलिप कुमार तांती एवं प्रदूषण नियंत्रण परिषद् के क्षेत्रीय पदाधिकारी केके पाठक मौजूद थे. बैठक के संदर्भ में डीसी ने बताया कि जिला में अलग-अलग श्रेणी में 217 खनन मामलों में इनवायरमेंटल डिग्रिडेशन और माइनिंग के एमाउंट को मिलाते हुए रिकवरी की जा रही है. यह राशि सरकार के पास जमा करा दी जायेगी. नोटिस इस सप्ताह में भेज दिया जायेगा.
Posted By : Samir Ranjan.