Jharkhand News (बासुकिनाथ, दुमका) : देवघर के बाबा मंदिर को खुलवाने मामले को लेकर गोलबंद हुए पंडा धर्मरक्षिणी सभा के बाद अब दुमका जिला अंतर्गत बासुकिनाथ मंदिर खुलवाने की मांग को लेकर यहां के पंडा, पुरोहित और दुकानदार आर-पार के मूड में हैं. मंदिर नहीं खुला, तो सरकार के विरोध में धरना-प्रदर्शन करने का मन बना रही है. कोरोना संक्रमण के कारण मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह से बंद है. इस कारण मंदिर पर आश्रित रहने वाले दुकानदार, पुरोहित, माली और भंडारी भुखमरी के कगार पर पहुंच गये हैं.
देश के विभिन्न स्थानों के तीर्थस्थल पर बस परिचालन, रेल परिचालन, सिनेमाघर, मॉल सहित विभिन्न धर्म के लोगों के लिए स्थल को खोल दिया गया है. वहीं, दुमका के बाबा फौजदारीनाथ का मंदिर आज भी आम श्रद्धालुओं के लिए बंद है. सरकार को चाहिए कि वह अविलंब मंदिर खोलने की घोषणा जल्द करें.
बासुकिनाथ मंदिर क्षेत्र के खुदरा दुकानदार आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. मंदिर बंद होने व श्रद्धालुओं के नहीं आने के कारण क्षेत्र की सभी दुकानदारों की रोजी-रोजगार प्रभावित हो गयी है. सरकार के स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के कारण सभी को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. मंदिर पर आश्रित पंडा पुरोहित व दुकानदारों के समक्ष भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है.
मंदिर को भादो माह में खोले जाने की मांग को लेकर अब लोग आंदोलन के मूड में हैं. मंदिर को आम श्रद्धालुओं के दर्शन और पूजन के लिए खोलने की मांग पर दुकानदारों व पंडा-पुरोहित आवाज बुलंद कर रहे हैं. मंदिर में करीब 5 महीने से ताला लगा है. श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन व आवागमन पर रोक लग जाने से बासुकीनाथ बाजार में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है.
कोविड गाइडलाइन के तहत खुले मंदिर : मंटू गोस्वामी
एनएसी के पूर्व उपाध्यक्ष व मंदिर पुरोहित मंटू गोस्वामी कहते हैं कि सरकार द्वारा सभी चीजों को खोल दिया गया, पर ऐसी कौन सी व्यवस्था है कि अन्य प्रदेशों में सारे धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया और यहां का धार्मिक स्थल बंद है. यहां भी राज्य सरकार को कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए मंदिर खोल देना चाहिए, ताकि मंदिर पर आश्रित खुदरा दुकानदारों का भरण पोषण चल सके.
वहीं, दुकानदार दामोदर पंडा ने कहा कि मंदिर पर आश्रित लोगों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है, पांच महीना से मंदिर बंद है, आम श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन के लिए नियम के तहत मंदिर खोलना चाहिए, ताकि यहां के बाजार में रौनक आने के साथ साथ जनजीवन पटरी पर लौट सके.
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अनुमंडल बनाओ संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष रविकांत मिश्रा ने कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को रोकने के लिए झारखंड में 22 अप्रैल से ही मंदिर बंद है, बासुकिनाथ क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पूरी तरह मंदिर पर ही आश्रित है, बंद रहने से सबकी माली हालत खराब है.
मंदिर पुरोहित उज्जवल झा ने कहा कि मंदिर बंद रहने से हमारी आर्थिक स्थिति गंभीर है. मंदिर नहीं खुलने और यात्रियों के नहीं आने से रोजी-रोटी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है. अगर हमारी मांग नहीं मानी गयी, तो हमलोग धरना-प्रदर्शन और आंदोलन करने पर विवश होंगे.
वहीं, मंदिर पंडिन राजू झा कहते हैं कि सरकार को मंदिर खोलने की दिशा में पहल करनी चाहिए. सीमित संख्या में ही श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन के लिए मंदिर को खोला जाये, तो यहां के बाजार में रौनक आने के साथ-साथ मंदिर पर आश्रित पंडा, पुरोहित व स्थानीय दुकानदारों को भी राहत मिलेगी.
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पूजन सामग्री दुकानदार मीठू राव ने कहा कि बासुकीनाथ मंदिर के भरोसे रहने वाले पंडा, पुरोहित, स्थानीय दुकानदार, रिक्शा चालक, टेंपो चालक, फल सब्जी विक्रेता व सभी वर्ग के लोगों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गयी है. भादो मास में श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन के लिए मंदिर खोलने की पहल की जाये.
होटल संचालक जगदीश यादव ने कहा कि मंदिर बंद रहने से मेला क्षेत्र के सभी दुकानदारों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गयी है. राज्य सरकार मंदिर खोलने की पहल करें, ताकि यहां बाजार में फिर से रौनक आये और लोगों की जिंदगी पटरी पर लौट सके.
मंदिर पुरोहित सुधाकर झा ने कहा कि 5 महीने से मंदिर बंद है. श्रद्धालुओं के नहीं आने से यहां के पंडा, पुरोहितों व मंदिर पर आश्रित लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गयी है. राज्य सरकार कोविड गाइडलाइन के तहत मंदिर खोले, ताकि यहां के लोगों की जिंदगी बेहतर बन सके.
Posted By : Samir Ranjan.