संताल परगना में करीब एक करोड़ से बना ऐसा सरकारी भवन, जिसका सिर्फ चुनाव में हो रहा उपयोग, जानें कारण

दुमका के जामा प्रखंड अंतर्गत धवाडीह में अवस्थित है निर्मल भवन. जैसा नाम है वैसा काम नहीं है. करोड़ों की लागत से बने इस भवन का उपयोग सिर्फ चुनाव के वक्त ही हाे रहा है. इस उपेक्षा से यह भवन अब दयनीय स्थिति में आ गयी है. इसके बावजूद पंचायत चुनाव में इसे बूथ बनाया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2022 5:03 PM
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Jharkhand Panchayat Chunav: लोकतंत्र के महापर्व में मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए जहां मतदाता जागरूकता के कार्यक्रम किये जाते हैं. मतदान केंद्रों पर सुख-सुविधाएं सुनिश्चित करायी जाती है. जहां बिजली-पानी की सुविधा नहीं होेती, वहां ऐसी सुविधाएं सुनिश्चित कराने के लिए अधिकारी एवं संबंधित विभाग पहल करते हैं. उसे चुनाव से पहले सुनिश्चित कराते है. साफ-सफाई ना रहनेे पर उसे साफ-सुथरा कराया जाता है. लेकिन, दुमका जिला अंतर्गत जामा प्रखंड की नावाडीह पंचायत का निर्मल भवन की स्थिति इससे ठीक विपरीत है. आलम देखिए करोड़ों में बने इस भवन का उपयोग सिर्फ पंचायत चुनाव के समय ही किया जाता है.

करोड़ों की लागत से बने निर्मल भवन की देखिए हालत

जामा प्रखंड की नावाडीह पंचायत स्थित धवाडीह में बना निर्मल ग्राम भवन की हालत देखिए. इसे बूथ संख्या 179 के तौर पर चुनाव में उपयोग में लाया जाता है. करीब एक करोड़ की लागत से बने इस खूबसूरत भवन की स्थिति रख-रखाव के अभाव में है. चौखट-दरवाजे तक गायब हैं. हर कमरे में गंदगी पसरी है. प्रवेश द्वार एवं आंगन में कंटीली झाड़ियां उग आयी है. चापानल भी झाड़ियों के बीच छिप गयी है.

पंचायत चुनाव में इस भवन को बूथ बनाया गया

दो मंजिले इस भवन में दो बड़े-बड़े हॉल हैं. सात-आठ कमरे हैं. कमरों में धूल की मोटी परत जमी हुई है. निर्माण के बाद से ही असामाजिक तत्वों का डेरा बना यह निर्मल ग्राम भवन अपने नाम को ही मुंह चिढ़ा रहा है. भवन में पंचायत चुनाव को लेकर बूथ बनाये जाने की जानकारी दर्शायी गयी है. इस 179 नंबर के बूथ में धावाडीह एवं सिमरदुमा के मतदाता वोट करने पहुंचेंगे. यहां 127 पुरुष एवं 151 महिलाएं यानी कुुल 278 वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. बता दें कि इस मतदान केंद्र के पास की बस्ती में एकल ग्रामीण जलापूर्ति योजना से आठ महीने से जलापूर्ति ठप है, जबकि गांव के पांच चापाकल भी बंद पड़े हैं. ऐसे में मतदानकर्मियों को भी पेयजलसंकट का सामना करना पड़ेगा.

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नहीं हो पाया इस भवन का कभी कोई उपयोग

2015 के मतदान के दिन बूथ के तौर पर छोड़ दें, तो कभी भी इस भवन का उपयोग नहीं हो पाया. यह भवन गुहियाजोरी के पास अवस्थित है. इस निर्मल ग्राम भवन में प्रशिक्षण के लिए ओपेन गैलेरी भी बनायी गयी थी. चाहरदीवारी के अंदर भवन बनाया गया था. बाहर में जलमीनार लगाया गया था. बिजली की वायरिंग भी की गयी थी. अब न तो वायरिंग बची है और ना स्विच बोर्ड. दरवाजे-खिड़कियां तथा ग्रील तक गायब हो चुके हैं. असामाजिक तत्वों की नजर अब उसके चौखट पर है.

रिपोर्ट : आनंद जायसवाल, दुमका.

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