28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रथम गुरु होते हैं माता-पिता, बच्चों को दें स्वधर्म की शिक्षा

कथाव्यास ने कहा कि बच्चे के प्रथम गुरु माता-पिता होते हैं. माता-पिता द्वारा बच्चों को बालपन से धर्म की शिक्षा मिलने से उनमें बौद्धिक, नैतिक व आध्यात्मिक विकास का बीज प्रस्फुटित होगा.

शिकारीपाड़ा. सरसाजोल शिव मंदिर प्रांगण में आयोजित भागवत कथा के छठे दिन व्यास बंगलादेश के राहुल कृष्ण दास ने महारास में देवाधिदेव महादेव का पार्वती संग सहेली बनकर आगमन, पंचम धुन में बांसुरी वादन पर भोलेनाथ की सुध-बुध खोकर नृत्य व ब्रजभूमि में गोपेश्वर महादेव की स्थापना के प्रसंग का विस्तृत वर्णन किया. इस दौरान उन्होंने कृष्ण बलराम का अक्रुरजी के साथ मथुरा गमन, कुब्जा उद्धार, चाणूर वध, कंस वध, देवकी व वासुदेव की कारागार से मुक्ति तथा उग्रसेन को फिर से राजा बनाने की कथा का प्रसंग प्रस्तुत किया. उन्होंने कृष्ण द्वारा जरासंघ को 17 बार हराने व 18वीं बार कृष्ण रणछोड़ बनकर मुचकुंद द्वारा कालयौवन का उद्धार कराने का प्रसंग प्रस्तुत किया. इस क्रम में उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से अपने धर्म की रक्षा के लिए अपने बच्चों को धर्म की शिक्षा देने का आग्रह किया. कहा कि बच्चे के प्रथम गुरु माता-पिता होते हैं. माता-पिता द्वारा बच्चों को बालपन से धर्म की शिक्षा मिलने से उनमें बौद्धिक, नैतिक व आध्यात्मिक विकास का बीज प्रस्फुटित होगा. इससे परिवार का बिखराव नहीं होगा और बूढ़े माता-पिता को वृद्धाश्रम की शरण भी नहीं लेनी पड़ेगी. इस क्रम उन्होंने कहा कि आप अपने धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म भी आपकी रक्षा करेगा. इस दौरान भागवत कथा का वाचन व भागवत के मधुर भजनों से आसपास का वातावरण भक्तिमय हो गया. भागवत कथा आयोजन समिति में मुख्य रूप से मिहिर मंडल, सचिन मंडल, तुषारकान्ति मंडल, असीम कुमार मंडल, तपन मंडल, सपन मंडल, सोमनाथ मंडल, षष्ठी मंडल, आलोक मंडल, सनातन मंडल आदि विशेष भूमिका में रहे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें