रानीश्वर. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आमजोड़ा व आसनबनी में वर्षों से डाॅक्टर के पद रिक्त हैं. दोनों ही पीएचसी में चिकित्सा सेवा एएनएम के भरोसे चल रहा है. दोनों जगहों पर तीन-तीन एएनएम कार्यरत हैं. लोगों को साधारण चिकित्सा सेवा का ही लाभ मिल पा रहा है. पीएचसी आमजोड़ा व आसनबनी में दो-दो डाॅक्टर के पद सृजित हैं. पर वर्षों से डाॅक्टर के पद रिक्त हैं. दोनों ही जगहों पर दोमंजिला अस्पताल भवन तथा तीनमंजिला स्वास्थ्य कर्मियों के लिए आवास निर्माण कराया गया है. गोबिंदपुर पंचायत के दिगुली गांव के वरिष्ठ नागरिक श्याम राय ने बताया कि आमजोड़ा में आलीशान अस्पताल भवन तथा स्वास्थ्य कर्मियों के लिए आवास बनाया गया है. पर सबसे ज्यादा जरूरी डाॅक्टर ही नहीं हैं. श्री राय ने बताया कि यहां सप्ताह में कम से दो दिन किन्हीं डाॅक्टर को प्रतिनियुक्त किया जायेगा तो स्थानीय लोगों को डाॅक्टर से चिकित्सा सेवा तथा सलाह उपलब्ध हो सकेगा. आसनबनी गांव के किशोरी मंडल ने बताया कि सरकार ने गांव में भव्य अस्पताल भवन बना दिया पर डाॅक्टर पदस्थापित नहीं किया. यहां एएनएम से साधारण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो पाता है. डाॅक्टर रहने से गरीबों को सुविधा मिल पाती. सप्ताह में कम से कम दो-तीन दिन डाॅक्टर प्रतिनियुक्त किये जाने से सभी को सुविधा मिलती. इसके लिए सरकार को पहल करनी चाहिए. रानीश्वर के बांसकुली में भी एक पीएचसी है, जो एक एनजीओ द्वारा संचालित किया जा रहा है. प्रखंड मुख्यालय में पीएचसी में एकमात्र डाॅक्टर हैं, जो प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित हैं. इसके अलावा एक आयुर्वेदिक व एक होमियोपैथी डाॅक्टर पदस्थापित हैं. सीएचसी में ज्यादा संख्या में डाॅक्टर पदस्थापित रहने से पीएचसी में सप्ताह में दो-तीन दिनों तक डाॅक्टर प्रतिनियुक्त किया जा सकता था. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नदियानंद मंडल ने कहा कि दोनों ही पीएचसी डाक्टरविहीन हैं. दोनों ही जगहों पर तीन-तीन एएनएम हैं. सीएचसी में भी डॉक्टरों की कमी के चलते डाॅक्टर प्रतिनियुक्त नहीं किया जा रहा है.
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