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Lead News : काठीकुंड प्रखंड में खुले डिग्री व आइटीआइ कॉलेज

राजू होटल काठीकुंड में रविवार को प्रभात खबर को प्रभात संवाद में 'प्रखंड में शैक्षणिक माहौल' विषय पर युवाओं से संवाद किया गया.

मांग. प्रखंड में शैक्षणिक माहौल को लेकर हुए प्रभात खबर संवाद में बोले युवा

प्रतिनिधि, काठीकुंड

राजू होटल काठीकुंड में रविवार को प्रभात खबर को प्रभात संवाद में ””प्रखंड में शैक्षणिक माहौल”” विषय पर युवाओं से संवाद किया गया. बीते कुछ वर्षों में प्रखंड क्षेत्र के कई युवाओं ने सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्र में नौकरी हासिल की है, जिसने काठीकुंड प्रखंड में शैक्षणिक वातावरण को बल देने का काम किया है. इन्हीं मुद्दों पर बात करते हुए हमने युवाओं से यह जानने का प्रयास किया कि शैक्षणिक परिस्थितियों को बेहतर बनाने के लिए प्रखंड क्षेत्र में किन सुधारों और किन व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किये जाने की जरूरत है. युवाओं ने भी अपनी बातों को खुल कर रखा. कई ऐसे बातें रखी, जिससे प्रखंड स्तर पर ही बेहतर शैक्षणिक सुविधाओं को हासिल किया जा सकता है. संवाद के क्रम में युवाओं की युवा विधायक आलोक कुमार सोरेन पर भरोसे की झलक दिखी, उन्हें पूरा भरोसा है कि शिक्षा के क्षेत्र में काठीकुंड की अलग पहचान गढ़ी जायेगी.

कोट

काठीकुंड में वर्तमान में इंटर तक की पढ़ाई की व्यवस्था है. डिग्री कॉलेज खोला जाना चाहिए, ताकि प्रखंड में ही रहकर स्नातक तक की शिक्षा हासिल हो पाये. इंटर करने के बाद कई गरीब विद्यार्थी दुमका आना-जाना या वहां रहने का खर्च वहन कर पाने में असमर्थ होकर पढ़ाई छोड़ देते हैं. उच्च शिक्षा की व्यवस्था हो.

दीपक कुमार मंडल

वर्तमान प्रतिस्पर्धा के दौर में स्कूली पढ़ाई के साथ स्किल्स को भी तराशे जाने की जरूरत होती है. प्रखंड में आइटीआइ कॉलेज खुल जाने से स्थानीय युवा प्रशिक्षित होकर विभिन्न उद्योगों में काम करने के लिए तैयार हो सकेंगे, उन्हें सरकारी व निजी क्षेत्रों में रोजगार मिल सकता है, जो देश के विकास में योगदान करता है.

अरुण पाल

पढ़ाई पूरी कर चुके युवा या गांव में ही रह कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के जीवन में पुस्तकालय एक अहम स्थान होता है. काठीकुंड में अब तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. स्थानीय विधायक से मिल कर इस संबंध में पहल करते हुए लाइब्रेरी के निर्माण की मांग हम युवा करेंगे. ताकि स्थिति सुधर सके.

बाबू चांद सेन

पुस्तकालय में शांति और एकाग्रता का माहौल होता है,जो छात्रों और शोधकर्ताओं को बिना किसी विघ्न के अध्ययन करने की सुविधा प्रदान करता है. पुस्तकालय में अध्ययन करने से सोचने,विश्लेषण करने और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है जो व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में मददगार साबित होती है.

मुकेश कुमार दास

प्रखंड स्तर पर ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर पहल की जानी चाहिए. गांव-देहात के बहुत सारे विद्यार्थी इंटर या स्नातक की पढ़ाई के बाद सही मार्गदर्शन नहीं मिलने के कारण उलझ जाते हैं. इसे लेकर प्रखंड स्तर पर करियर काउंसिलिंग के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का माहौल तैयार हो.

आशुतोष पांडे

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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