Prabhat Khabar Special: संताल परगना के दुमका में सरकारी टीचर्स के 2200 पोस्ट खाली, पढ़ाई पर पड़ रहा असर
संताल परगना के दुमका जिले में 2300 स्कूलों में सरकारी शिक्षकों के 2200 पद खाली है. मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम का भी पालन नहीं हो पा रहा है. अधिकांश स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात मानक के अनुरूप नहीं है. इसके कारण जिले के सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है.
Prabhat Khabar Special: निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 का पालन दुमका जिले में नहीं हो पा रहा है. आधे से अधिक स्कूल ऐसे हैं. जहां इस अधिनियम की धारा-25 के अनुरूप छात्र-शिक्षक का अनुपात मानक के अनुरूप नही है. यह स्थिति तब है. जब पिछले कुछ सालों में बड़ी संख्सा में विद्यालयों का विलय हुआ है तथा हाल के कुछ वर्षों में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. पर जिस रफ्तार से नियुक्ति हुई और उस नियुक्ति के हुए लंबा वक्त गुजर गया, उस अवधि में बड़ी तादाद में पुराने शिक्षक 60 साल की आयु पूरी कर सेवानिवृत भी हो गये. ऐसे में शिक्षकों की कमी से लगभग हर मध्य व उच्च विद्यालय जूझ रहे हैं.
दुमका में शिक्षकों की कमी
निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के प्रावधानों के अनुरूप प्राथमिक कक्षा में प्रत्येक 30 विद्यार्थी में एक शिक्षक का होना जरूरी है. जबकि उच्च प्राथमिक कक्षा में प्रत्येक 35 छात्र में एक शिक्षक का होना जरूरी किया गया है. अगर प्राइमरी कक्षा में 200 से अधिक विद्यार्थी है. तो वहां पर छात्र-शिक्षक का अनुपात 40: 1 होगा. पर ऐसा सुनिश्चित हो नहीं पा रहा.
सरकारी टीचर्स के 2200 पोस्ट खाली
दुमका जिले में सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी अब तक दूर नहीं हो सकी है. जिले में 2300 विद्यालय संचालित हैं. जिसमें 2200 शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं.यह स्थिति तब है. जब जिले में 3377 सहायक प्राध्यापकों (पारा) की सेवा ली जा रही है. इन दिनों अधिकांश स्कूलों में कक्षाओं का विलय करके ही वर्गाध्यापन कराना संभव हो पा रहा है. पहली, दूसरी व तीसरी के छात्रों को अधिकांश स्कूलों में एक साथ, चौथी-पांचवी के छात्रों को एक साथ तथा छठी, सातवीं व आठवीं के छात्र-छात्राओं को एक साथ बिठाकर वर्गाध्यापन कराया जाता है.
Also Read: सावधान! आमजनों से लेकर अधिकारियों को अपना निशाना बना रहे साइबर क्रिमिनल्स, जानें कैसे रहें सुरक्षित
एक ही शिक्षक पहली से आठवीं के बच्चों का पढ़ाते
कई स्कूल तो ऐसे भी हैं जहां एक ही शिक्षक पहली से आठवीं के बच्चों को पढ़ाते हैं. सबसे खराब स्थिति में तो हाई स्कूल व प्लस टू हाई स्कूल हैं. जहां आधे से भी ज्यादा पद खाली हैं. जिलेभर में 106 हाई स्कूल व 23 प्लस टू हाई स्कूल है. 106 हाई स्कूलों में से 1152 में से 584 पद रिक्त है. जबकि 23 प्लस टू हाई स्कूलों में से 253 में 148 रिक्त हैं. हाई स्कूल व प्लस टू हाई स्कूलों में पदों का सृजन विषयों के अनुरूप किया गया है.
पठन-पाठन प्रभावित
विषयवार शिक्षक न होने से पठन-पाठन पर बुरा असर पड़ता रहा है और मैट्रिक तथा इंटरमीडिएट की परीक्षा नजदीक आते ही विभाग के अधिकारी रिजल्ट बेहतर करने के डर से मिडिल स्कूल के शिक्षकों को प्रतिनियोजित करा देते हैं. परीक्षा खत्म होते ही प्रतिनियोजन भी खत्म हो जाया करता है. यह सिलसिला पिछले कई सालों से चलता आ रहा है.
दुमका जिले में रिक्त टीचर्स की स्थित
स्कूल : स्वीकृत पद : कार्यरत : रिक्त
प्रारंभिक विद्यालय : 2614 : 1491 :1123
मध्य विद्यालय : 801 : 456 : 345
माध्यमिक विद्यालय : 1152 : 568 : 584
प्लस टू विद्यालय : 253 : 105 : 148
कुल : 4820 : 2620 : 2200
किस प्रखंड में कितने स्कूल, कितने शिक्षक और छात्र-शिक्षक अनुपात
प्रखंड : स्कूलों की संख्या : क्लास रूम : शिक्षकों की संख्या : छात्र शिक्षक (प्रतिशत में)
दुमका : 238 : 1072 : 821 : 30.85
गोपीकांदर : 133 : 598 : 287 : 29.56
जामा : 255 : 1083 : 667 : 36.08
जरमुंडी : 297 : 1438 : 877 : 41.14
काठीकुंड : 178 : 785 : 445 : 31.14
मसलिया : 236 : 1059 : 596 : 40.60
रामगढ़ : 265 : 1204 : 676 : 42.44
रानीश्वर : 200 : 842 : 490 : 29.86
सरैयाहाट : 237 : 1084 : 631 : 48.07
शिकारीपाड़ा : 261 : 1078 : 583 : 39.99
कुल : 2300 : 10243 : 6073 : 37.77
रिपोर्ट : आनंद जायसवाल, दुमका.